गुजरात की गणेश पूजा में राम मंदिर की एंट्री, अयोध्या की थीम पर बना पंडाल, रोज पहुंच रहे 10 हजार लोग

पंडाल का प्रवेश द्वार राम मंदिर के प्रवेश द्वार का प्रतिरूप है. पेशे से प्रॉपर्टी डीलर मेवावाला ने कहा कि पंडाल इन दिनों चर्चा का विषय बन गया है और इसमें रोजाना 8,000 से 10,000 दर्शक जुट रहे हैं.

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 1, 2022, 05:30 PM IST
  • रोजाना 8,000 से 10,000 दर्शक जुट रहे.
  • पंडाल बनाने में आई 60 लाख की लागत.
गुजरात की गणेश पूजा में राम मंदिर की एंट्री, अयोध्या की थीम पर बना पंडाल, रोज पहुंच रहे 10 हजार लोग

सूरत. गुजरात के सूरत शहर में अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर की थीम पर आधारित गणेश पंडाल में दर्शकों की काफी भीड़ जुट रही है. आयोजकों का कहना है कि इसके खंभे और रोशनी की व्यवस्था इस प्रकार की गयी है कि दर्शकों को ऐसा अनुभव होता है कि वे वास्तव में राम मंदिर में हैं. आयोजकों का दावा है कि पंडाल का प्रवेश द्वार अयोध्या के मंदिर के प्रवेश द्वार का प्रतिरूप है.

पिछले साल जयपुर शहर की थीम पर बना था पांडाल
शहर के भारत रोड पर 125 मीटर लंबे और 65 मीटर चौड़े क्षेत्र में फैले इस मनमोहक पंडाल को उन व्यक्तियों द्वारा बनाया गया है जो यहां 25 वर्षों से गणेश चतुर्थी उत्सव में पंडाल बनाने का काम कर रहे हैं. इस वर्ष यह गणेश चतुर्थी उत्सव बुधवार से शुरू हुआ है. मुख्य आयोजक कमल मेवावाला ने बताया, ‘पिछले वर्ष हमारा पंडाल जयपुर शहर की थीम पर आधारित था. इस वर्ष हमने अयोध्या के राम मंदिर की थीम ली है. इस पंडाल के जरिये हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद करना चाहते हैं, जिनके प्रयास से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सभी हिन्दुओं का सपना पूरा हो रहा है. 

पंडाल बनाने में आई 60 लाख की लागत
उन्होंने बताया कि यह पंडाल बनाने में 60 लाख रुपये की लागत आई है, जिसे चंदे से जुटाया गया है. मेवावाला ने कहा, ‘पंडाल के भीतर हमने धार्मिक ग्रंथ रामायण में दर्शाये गये भगवान राम के जीवन पर आधारित बड़े पोस्टर लगाये गये हैं. पंडाल में लगाई गई गणपति भगवान की मूर्ति मुंबई से लायी गयी है. यह मूर्ति उन कलाकारों ने बनाई है, जो मुंबई में लालबागचा राजा गणेश की प्रसिद्ध मूर्ति बनाते हैं.’ 

पंडाल बनाने में लगा दो महीने का समय
उन्होंने कहा, ‘इस पंडाल को बनाने में दो महीने का समय लगा है. ऑनलाइन उपलब्ध तस्वीरों को देखकर हमने डिजाइन तैयार कराई है और फाइबर और घास की सहायता से खंभों का निर्माण किया है. इन खंभों की इस प्रकार पेंटिंग की गयी है कि वे पत्थर से बने मूल मंदिर के समान दिखते हैं.’ 

रोजाना जुट रहे 8  से 10 हजार श्रद्धालु
उन्होंने बताया कि पंडाल का प्रवेश द्वार राम मंदिर के प्रवेश द्वार का प्रतिरूप है. पेशे से प्रॉपर्टी डीलर मेवावाला ने कहा कि पंडाल इन दिनों चर्चा का विषय बन गया है और इसमें रोजाना 8,000 से 10,000 दर्शक जुट रहे हैं.

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