नई दिल्ली: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. मुस्लिम पक्ष की मांग को जिला अदालत ने खारिज कर दिया है. कोर्ट कमिश्नर बदलने की मांग खारिज करते हुए अदालत ने दोबारा सर्वे करने का आदेश दिया है. मतलब ये साफ हो गया कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे.
17 मई से पहले दोबारा होगा सर्वे
कोर्ट ने सर्वे की दूसरी तारीख दी है. अब 17 मई से पहले दोबारा सर्वे होगा. कोर्ट कमिश्नर बदलने की मांग खारिज करते हुए कोर्ट ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि अजय मिश्रा ही सर्वे कराएंगे. मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी होगी. जिला प्रशासन सर्वे की व्यवस्था करें.
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण पर कोर्ट फैसला आते ही हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि 'कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के साथ सर्वे के लिए 2 और वकीलों को कमिश्नर नियुक्त किया गया है. आयोग 17 मई तक कोर्ट के सामने रिपोर्ट पेश करेगा.
Gyanvapi mosque survey verdict | 2 more lawyers have been appointed as commissioners to accompany the Court commissioner Ajay Mishra for the survey.The Commission to submit report by May 17 before the court: Adv Madan Mohan Yadav, representing Hindu petitioners in court,Varanasi pic.twitter.com/VGIJCNufW6
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 12, 2022
कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट कमिश्नर बदलने की मांग खारिज करते हुए कहा कि '17 मई से पहले सर्वे होगा, कोर्ट कमिश्नर 2 और सहायक मिलेंगे. विशाल सिंह और अखिलेश सिंह कोर्ट कमिश्नर होंगे. मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी होगी.'
विरोध करने पर होगी कानूनी कार्रवाई
वाराणसी की जिला अदालत ने ये भी कहा कि मस्जिद के अंदर सर्वे किया जाएगा. मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी होगी और सर्वे में बाधा डालने पर कानूनी कार्रवाई होगी. जो सर्वे का विरोध करेगा उस पर FIR होगी.
कोर्ट के फैसले के बाद हर हर महादेव के नारे लगे. वीडियोग्राफी का विरोध करने पर FIR होगी. मतलब साफ है कि सर्वे को भी कोर्ट से मंजूरी मिल गई है.
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव का बड़ा बयान सामने आया है. ज़ी मीडिया के साथ खास बातचीत में मदन मोहन यादव ने कहा है कि अगर कोर्ट का फैसला उनके पक्ष नहीं रहता, तब वो ऊपरी अदालत का रुख करते.
बता दें, ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर मामले को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में लगातार तीसरे दिन हुई सुनवाई में हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की थी. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से ये दलील रखी गई थी कि हिंदू पक्ष ने जो याचिका दायर की है उसमें मस्जिद परिसर के अंदर वीडियोग्राफी का कोई जिक्र नहीं है. साथ ही मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट कमिश्नर पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें हटाने की मांग की गई थी.
हालांकि हिंदू पक्ष ने कहा था कि कमीशन निष्पक्षता से सर्वे कर रही है. दो घंटे तक चली बहस के बाद बुधवार को कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था.
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