UP के स्कूलों में अगले सत्र से लागू होगा हैप्पीनेस करिकुलम, बच्चों को इस तरह मिलेगा फायदा

हैप्पीनेस करिकुलम लागू करने के बाद पहली से 8वीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन पाठ्यक्रम का अभ्यास कराया जाएगा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 19, 2021, 02:46 PM IST
  • परिवार-प्रकृति की होगी समझ
  • बच्चों को ध्यान सिखाया जाएगा
UP के स्कूलों में अगले सत्र से लागू होगा हैप्पीनेस करिकुलम, बच्चों को इस तरह मिलेगा फायदा

प्रयागराज: छत्तीसगढ़ और दिल्ली की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में प्रायोगिक परियोजना के तौर पर ‘प्रसन्नता पाठ्यक्रम’ (हैप्पीनेस करिकुलम) लागू करने की तैयारी चल रही है. इसका मकसद विद्यार्थियों में प्रकृति, समाज और देश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना है.

परिवार-प्रकृति की होगी समझ
यहां राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) में छह दिवसीय कार्यशाला में हिस्सा लेने आए राज्य प्रभारी (हैप्पीनेस करिकुलम) डॉ. सौरभ मालवीय ने बताया कि इस पाठ्यक्रम के जरिए विद्यार्थियों को स्वयं, परिवार, समाज, प्रकृति और देश के बीच अंतर्संबंधों को समझने में मदद मिलेगी.

बच्चों को ध्यान सिखाया जाएगा
उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम को उत्तर प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा है. पहली से 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन इस पाठ्यक्रम का अभ्यास कराया जाएगा. साथ ही बच्चों को ध्यान सिखाया जाएगा. 

150 स्कूलों को पाठ्यक्रम पर काम करने का निर्देश
मालवीय ने बताया कि इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के 10-10 स्कूलों यानी 150 स्कूलों को इस पाठ्यक्रम पर काम करने के लिए कहा गया है. इसमें पहली से 5वीं तक के बच्चों के लिए पांच पुस्तकें तैयार की जाएंगी. इसी क्रम में अपने क्षेत्र में पहचाने गए 32 अध्यापकों की कार्यशाला आयोजित कर पाठ्यक्रम की विषय वस्तु तैयार की जा रही है. 

कार्यशाला में प्रशिक्षण देने आए श्रवण शुक्ल ने बताया कि अगले वर्ष अप्रैल से शुरू होने वाले नए सत्र से इस पाठ्यक्रम को लागू करने की तैयारी है. बाद में चरणबद्ध तरीके से इसे अन्य स्कूलों में लागू किया जाएगा. 

उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए अगस्त से ही व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया और इस टीम ने उनके साथ संवाद किया, अभी तक आठ व्याख्यानों का आयोजन हो चुका है. 

शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1,30,000 है, जहां सात लाख शिक्षक कार्यरत हैं. राज्य सरकार बाद में इसे सभी स्कूलों में लागू करने पर विचार कर सकती है. 

यह भी पढ़िएः कब आएगी PM Kisan Yojana की 10वीं किस्त? 2000 रुपये के लिए फटाफट निपटा लें ये काम

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

ट्रेंडिंग न्यूज़