Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई को एक सत्संग में मची भगदड़ में 120 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. इस धार्मिक समागम में 2.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए थे. अब एक हफ्ते बाद विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें कहा गया है कि आयोजन समिति अनुमत संख्या से ज्यादा लोगों को बुलाने के लिए जिम्मेदार थी. यह जानकारी समाचार एजेंसी ANI ने दी है. उधर, योगी सरकार ने प्रशासन के कई अधिकारियों पर एक्शन ले लिया है. सरकार ने एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत 6 अधिकारियों को निलंबित किया है.
SIT रिपोर्ट में कहा गया है, 'भगदड़ के लिए आयोजक जिम्मेदार हैं और साथ ही हादसे में प्रशासन की भी जवाबदेही तय करनी होगी.' हाथरस भगदड़ मामले की एसआईटी रिपोर्ट में घटना के पीछे बड़ी साजिश होने से इनकार नहीं किया गया. साथ ही हादसे पर गहन जांच की सिफारिश की गई है.
SIT की रिपोर्ट के मुताबिक, आयोजन समिति ने पर्याप्त व्यवस्था नहीं की और मौके का निरीक्षण भी नहीं किया. रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है. हाथरस जिले में नारायण साकार विश्व हरि के नाम से मशहूर भोले बाबा के एक कार्यक्रम में श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे. इस कार्यक्रम में सिर्फ 80,000 लोगों के लिए अनुमति थी.
आगे के लिए दिशा-निर्देश
अन्य रिपोर्टों के अनुसार, SIT टीम ने भविष्य में इसी तरह के आयोजन करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी दिए हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ के एक दिन बाद न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. योगी ने भी भोले बाबा के कार्यक्रम में मची भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया था.
घटना के एक दिन बाद गठित आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव कर रहे थे. राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हेमंत राव और भावेश कुमार को आयोग का सदस्य बनाया गया है. बता दें कि भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर के मूल निवासी हैं.
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