Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली दौरे से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित हरियाणा के पंचकुला में छह बागी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की है, जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू गुरुवार को साफ तौर पर कह चुके हैं कि सरकार के सामने कोई संकट नहीं है.
वहीं, विक्रमादित्य इस बैठक ने कांग्रेस के भीतर बेचैनी पैदा कर दी है. बता दें कि उत्तर भारत में कांग्रेस अपनी एकमात्र सरकार को बचाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. अपने आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार सिंह को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलने के लिए दिल्ली जाना है.
HT की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बागी विधायक ने फोन पर कहा, 'विक्रमादित्य ने पंचकुला में हमसे मुलाकात की और मैं बस इतना ही कह सकता हूं.' हालांकि मंत्री की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई.
हालांकि, बैठक में क्या बात हुई, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया. बता दें कि कांग्रेस ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी और सरकार के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए एक समन्वय समिति की घोषणा की गई. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, सुक्खू और उनकी प्रतिद्वंद्वी, राज्य इकाई प्रमुख प्रतिभा सिंह ने गुरुवार को संयुक्त रूप से मीडिया के सामने बयान दिए.
संकटमोचक शिवकुमार
कांग्रेस के मुख्य संकटमोचक शिवकुमार को हिमाचल सरकार को बचाने के लिए पर्यवेक्षक के रूप में हिमाचल प्रदेश भेजा गया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि उन्होंने सभी विधायकों, सुक्खू और राज्य इकाई प्रमुख से बात की और सभी मतभेदों को सुलझा लिया गया. उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुडा समेत 32 विधायकों से मुलाकात की.
राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने शेष छह बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, जिनके क्रॉस-वोटिंग से पार्टी को राज्यसभा की सीट गंवानी पड़ी और सुक्खू सरकार के भविष्य पर संकट पैदा हो गया.
68 सदस्यीय सदन में कांग्रेस 35 के साधारण बहुमत के आंकड़े को पार करने में असमर्थ रही, भाजपा ने जोर देकर कहा कि सुक्खू सरकार अल्पमत में आ गई है और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है.
वहीं, गुरुवार को सुक्खू की ब्रेकफास्ट मीटिंग में विक्रमादित्य सिंह नहीं पहुंचे. उन्होंने एक दिन पहले ही सुक्खू पर अपने पिता और छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की विरासत का अनादर करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, विक्रमादित्य सिंह गुरुवार देर रात इस्तीफे से पीछे हटते दिखे. यह उनकी और प्रतिभा सिंह की केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मुलाकात के बाद हुआ.
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