हैदराबाद: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ.. बीजेपी के ये तीन बड़े चेहरे हैं. तीनों नेताओं ने हैदराबाद म्युनिसिपल चुनाव में रैली के जरिए पूरा दमखम झोंक दिया है. अमित शाह अपनी रैली की शुरुआत हैदराबाद यानि भाग्यनगर के भाग्यनक्ष्मी मंदिर में पूजा अर्चना करके की.
हैदराबाद में शाह का शक्ति प्रदर्शन
केंद्रीय गृह मंत्री श्री @AmitShah हैदराबाद के भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना करते हुए। #AmitShahInGHMC pic.twitter.com/hNwucnPgOM
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ये मंदिर 429 साल पुरानी हैदराबाद शहर की पहचान चारमीनार से सटा हुआ है. भाग्यलक्ष्मी मंदिर से ही अमित शाह का चुनावी कैंपेन क्यों? इसे समझना है तो आपको योगी आदित्यनाथ के बयान को समझना होगा.
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा था कि "हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर क्यों नहीं हो सकता" भाजपा के दिग्गज प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कहा था कि "भाग्यनगर की जनता इस बार भाग्य बदलेगी."
अमित शाह के जोश और ताकत का अंदाजा इन तस्वीरों से लगाया जा सकता है. भारी तादाद में लोग अमित शाह का हैदराबाद में स्वागत कर रहे हैं. शाह का अंदाज भी बिल्कुल निराला और मुट्थी बांधकर अपनी ताकत का एहसास दिलाना, क्योंकि ओवैसी भाइयों के लिए ये किसी सदमे से कम नहीं होगा.
Rousing welcome of HM Shri @AmitShah on his arrival in Hyderabad. #AmitShahInGHMC pic.twitter.com/a8GXUJGNGe
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इसके बाग अमित शाह ने रोड शो किया, जिसमें लाखों की संख्या में मौजूद लोगों ने जमकर जय श्रीराम के नारे लगाए. भाग्यनगर के नाम पर बीजेपी.. हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में करना चाहती है. असल में माना जा रहा है, कि हैदराबाद का चुनाव बीजेपी के लिए बंगाल विजय की प्रयोगशाला है. तभी तो जिस चुनाव को असदुद्दीन ओवैसी गली का चुनाव बताते हैं. उस चुनाव को बीजेपी लोकसभा चुनाव की तरह लड़ रही है.
भाजपा ने कस ली है कमर
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि "ऐसा दिख रहा है कि हिंदुस्तान का एक नया वजीरेआजम बनाने जा रहे हैं. आज आप देखते हैं कि सिर्फ मजलिस की कामयाबी को रोकने के लिए बीजेपी दिल्ली से बड़े-बड़े मंत्रियों को हैदराबाद बुला रही है. बीजेपी यह देख चुकी है कि मजलिस को हराना इनके बस की बात नहीं है."
इसके जवाब में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि "ये कहा गया कि गली के चुनाव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष आ रहा है तो आप मानसिकता को समझ सकते हैं. आप उस नेता की मानसिकता को समझ सकते हैं यह पूरी तरह से हैदराबाद के चुनाव का अपमान है यह हमें समझना होगा."
बीजेपी ओवैसी को उनके घर में ही जबरदस्त ढंग से चुनौती इसलिए भी दे रही है, क्योंकि उसे लगता है कि अगर हैदराबाद में वो जीत गई तो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में उसके लिए बड़ा मौका हो सकता है और पश्चिम बंगाल में हिंदू मतदाताओं की पहली पसंद बीजेपी बन सकती है.
हैदराबाद में मुख्य मुकाबला बीजेपी और AIMIM के बीच है. लेकिन यहां ओवैसी की जीत या हार का सबसे बड़ा ख़तरा बंगाल में दीदी को है. हैदराबाद AIMIM का कवच है. 1984 से AIMIM लगातार हैदराबाद की लोकसभा सीट जीत रही है. महाराष्ट्र चुनाव में ओवैसी की पार्टी 2 सीटें जीती, और बिहार में AIMIM ने 5 सीटें जीतकर आरजेडी के मुस्लिम वोट बैंक में बंटवारा कर दिया, और अब AIMIM बंगाल के चुनाव में उतरने वाली है. अमित शाह कह चुके हैं कि बंगाल जीते बिना बीजेपी का स्वर्ण काल नहीं आ सकता.
LIVE: HM Shri @AmitShah's roadshow in Secunderabad, Telangana. #AmitShahInGHMC https://t.co/DOyai8ORSq
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