ट्रांसजेंडरों के अधिकारों को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखा पत्र, कहा- ये सुविधाएं दें

भले ही ट्रांसजेंडरों को तीसरे लिंग के रूप में पहचान मिल गई हो, लेकिन अभी भी उन्हें समाज में कई तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ता है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 11, 2022, 08:57 PM IST
  • 'ट्रांसजेंडरों के लिए हो अलग वॉर्ड'
  • कारागार में हो सुविधाओं की व्यवस्था
ट्रांसजेंडरों के अधिकारों को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखा पत्र, कहा- ये सुविधाएं दें

नई दिल्लीः भले ही ट्रांसजेंडरों को तीसरे लिंग के रूप में पहचान मिल गई हो, लेकिन अभी भी उन्हें समाज में कई तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ता है. हालांकि, इसे लेकर समाज में धीरे-धीरे सोच बदल भी रही है. वहीं, सरकार भी ट्रांसजेंडरों के अधिकारों को लेकर सजग है. 

'ट्रांसजेंडरों के लिए हो अलग वॉर्ड'
ताजा दिशानिर्देश में केंद्र सरकार ने राज्यों को पत्र लिखा कि वे कारागार में बंद ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की रक्षा करें और उनके लिए अलग से वॉर्ड सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें किसी भी तरह के शोषण से बचाया जा सके. 

भेदभाव का निषेध करता है 2019 का कानून
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम-2019, ट्रांसजेंडर की पहचान को मान्यता देता है और सरकार की ओर से उठाए गए कल्याणकारी कदमों में किसी भी भेदभाव का निषेध करता है. 

कारागार में हो सुविधाओं की व्यवस्था
पत्र में कहा गया, ‘कारागार में उनके लैंगिक पहचान के आधार पर रहने और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा सकती है. ट्रांसमैन और ट्रांसविमेन के लिए अलग से रहने या वॉर्ड की व्यवस्था की जा सकती है और यह स्थान पुरुष और महिला वॉर्ड से अलग होना चाहिए.’ 

'पूरी तरह न किया जाए अलग'
हालांकि, पत्र में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर के लिए कारागार में अलग स्थान की व्यवस्था किए जाने के साथ जेल अधिकारियों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे वे पूरी तरह से अलग न हो जाए या इससे ऐसे कैदियों में कोई सामाजिक कलंक की धारणा न बने.

गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए एंट्री की प्रक्रिया, मेडिकल चेकअप, तलाशी, कपड़े, पुलिस सुरक्षा की मांग, जेलों के अंदर इलाज और देखभाल के दौरान उनकी खुद की पहचान का हर समय सम्मान किया जाना चाहिए.

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