भोपाल: मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस के कई नेताओं की भाषा- शैली से लगता है कमलनाथ सरकार से नाराज विधायकों ने कांग्रेस छोड़ने का मूड बना लिया है. दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुप्पी कमलनाथ को चुभ रही है क्योंकि जिन विधायकों ने विरोध का झंडा बुलंद किया है वे सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट के माने जाते हैं. इन सभी राजनीतिक घटनाक्रमों पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से बड़ी बात कही गयी है. जब मीडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस में इतने गुट हैं कि आपस में ही मारामारी मची है और आरोप हम पर लगाते हैं इसका मतलब क्या है?
दिल्ली तो हमेशा आता हूं: शिवराज
दिल्ली से भोपाल आए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग का सवाल ही पैदा नहीं होता है, लेकिन अगर कांग्रेस का अगर अपने बोझ से कुछ होता है तो वह खुद जाने. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के आरोप पर उन्होंने कहा कि एमपी के सियासी ड्रामे के लिए कांग्रेस खुद जिम्मेदार है. कमलनाथ के कुशासन से जनता और विधायक सब नाराज हैं. शिवराज ने कहा, "मैं तो दिल्ली आता ही रहता हूं. भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं, हमारो नेता जब दिल्ली बुलाते हैं तब जाता हूं.
हॉर्स ट्रेडिंग पर भी बोले शिवराज
हॉर्स ट्रेडिंग के सवालों पर पूर्व सीएम ने कहा कि इसका सवाल ही पैदा नहीं होता है भारतीय जनता पार्टी की ऐसी कोई सोच नहीं रही है. हमने पहले भी कहा है हम ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हैं लेकिन अगर कांग्रेस के अपने बोझ से कुछ होता है तो वह जाने. गौरतलब है कि कि मध्य प्रदेश की राजनीति में आए ताजा भूचाल के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और कुछ अन्य लोगों को जिम्मेदार ठहराया था.
जानिये क्या है विधानसभा का समीकरण
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो कुल 230 विधायकों की विधानसभा में से इस वक्त 228 विधायक हैं. दो सीट विधायकों की निधन के चलते खाली हैं. कांग्रेस के 114 विधायक, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो विधायक, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत 115 पर है. कांग्रेस 121 विधायकों का समर्थन हासिल करने का दावा कर रही है जो फिलहाल सही साबित होता नहीं दिख रहा है.
अगर भाजपा, कांग्रेस के 15 विधायक तोड़ लेती है तो कमलनाथ सरकार गिर जाएगी और 107 विधायक होने के नाते भाजपा सरकार बना सकती है. 8 कांग्रेस विधायक तो पहले से भाजपा के संपर्क में हैं. साथ ही बसपा और सपा के विधायक भी भाजपा का साथ दे रहे हैं. ऐसे में कमलनाथ सरकार का संकट लगातार बढ़ रहा है क्योंकि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है और सिंधिया समर्थक 35 विधायक नाराज बताए जा रहे हैं.
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