भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में कल से शुरू होई सियासी उठापटक अब भी जारी है. एक तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह सब कुछ ठीक होने का दावा करते हैं तो दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि उनके विधायक बेंगलुरू में हैं. दो बड़े नेताओं के बयानों में इतना अंतर होने से पता चलता है कि कमलनाथ सरकार पर बड़ा संकट आ गया है.
भाजपा दूसरे तरीके से कर रही राजनीति
Madhya Pradesh Min Jitu Patwari: BJP lok tantra ki hatya karna chahti hai. Modi ji talks about a different kind of politics, this is the kind of politics he wants to do. Rs. 50-60 crores are being offered to our MLAs. Some of our MLAs are in Bengaluru, but they are with us pic.twitter.com/B7mR3KDRiP
— ANI (@ANI) March 4, 2020
कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मोदी जी दूसरे तरीके की राजनीति कर रहे हैं. भाजपा हमारे विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये में खरीद रही है. हमारे कई विधायक अभी बेंगलुरू में हैं.
दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर लगाया 35 करोड़ रुपये देने का आरोप
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया, 'बीजेपी खुलेआम कांग्रेस पार्टी के विधायकों को 25-35 करोड़ का लालच दे रही है. परसों ही मैंने कहा था कि बीजेपी वाले 5 करोड़ रुपये पहले, फिर 5 करोड़ रुपये राज्यसभा चुनाव में वोटिंग पर और बाकी मध्य प्रदेश में सरकार गिराने पर दे रहे हैं.' दिग्विजय सिंह ने यह भी दावा किया, 'इन सबके हमारे पास सबूत भी हैं. मध्य प्रदेश के विधायकों को धोखा देकर होटल में लाया गया था.'
जानिये क्या है विधानसभा का समीकरण
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो कुल 230 विधायकों की विधानसभा में से इस वक्त 228 विधायक हैं. दो सीट विधायकों की निधन के चलते खाली हैं. कांग्रेस के 114 विधायक, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो विधायक, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत 115 पर है. कांग्रेस 121 विधायकों का समर्थन हासिल करने का दावा कर रही है जो फिलहाल सही साबित होता नहीं दिख रहा है.
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अगर भाजपा, कांग्रेस के 15 विधायक तोड़ लेती है तो कमलनाथ सरकार गिर जाएगी और 107 विधायक होने के नाते भाजपा सरकार बना सकती है. 8 कांग्रेस विधायक तो पहले से भाजपा के संपर्क में हैं. साथ ही बसपा और सपा के विधायक भी भाजपा का साथ दे रहे हैं. ऐसे में कमलनाथ सरकार का संकट लगातार बढ़ रहा है क्योंकि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है.
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