Rafale ready: अंबाला एयरबेस पर ही राफेल की तैनाती क्यों की गई? जानिए यहां

अंबाला एयरबेस(Ambala Airbase) पर राफेल(Rafale) की तैनाती सोच समझकर की गई है, तो ये सौ फीसदी सच बात है, लेकिन सवाल है कि कैसे? चलिए आपको समझाते हैं..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 10, 2020, 03:48 PM IST
    • सोच समझकर की गई है राफेल की तैनाती
    • अंबाला में ही क्यों तैनात हुई राफेल की पहली खेप?
    • चीन और पाकिस्तान दोनों से होगा मुकाबला
Rafale ready: अंबाला एयरबेस पर ही राफेल की तैनाती क्यों की गई? जानिए यहां

नई दिल्ली: हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से सरहदों की चौकसी ये बाहुबली करेगा. भारत को पराक्रम का विश्वगुरू बनाने वाला ये लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान दोनों को नापाक मंसूबों को राख कर सकता है. इसके लिए भारत ने खास तौर पर अंबाला एयरबेस को चुना है.

अंबाला एयरबेस कई मायनों में वो बेहद खास और अहम है. यहां से राफेल चीन और पाकिस्तान यानी दोनों दुश्मनों का मुकाबला कर पाएंगे और जरुरत पड़ी तो दुश्मन की घुसपैठ को नेस्तानाबूत भी कर देंगे. ये हवा से हवा और हवा से ज़मीन दोनों तरह से हमला कर सकता है. अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में इन विमानों के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार है.

अंबाला में ही क्यों राफेल की तैनाती?

अंबाला एयरबेस से चीन-पाकिस्तान की सीमा ज्यादा दूर नहीं है
अंबाला एयरबेस से पाकिस्तान का सरगोधा एयरबेस 450 किमी दूर है
- अंबाला एयरबेस से चीन का गर गुंसा एयरबेस 375 किमी दूर है

चलिए, हम आपको तफसील से समझाने की कोशिश करते हैं कि कैसे अंबाला में राफेल की तैनाती से चीन और पाकिस्तान दोनों राफेल के टारगेट पर हैं.

राफेल की अधिकतम रफ्तार 22 सौ किमी/घंटे से कुछ अधिक है. अगर राफेल इसी टॉप स्पीड से अंबाला एयरबेस से उड़ान भरे, तो अंबाला से पाकिस्तान बॉर्डर की दूरी है 220 किलोमीटर है और यहां राफेल को पहुंचने में सिर्फ 6 मिनट लगेंगे.

* 22 सौ किमी/घंटे की टॉप स्पीड से राफेल अगर अंबाला एयरबेस से चीन बॉर्डर के लिए उड़ान भरे. तो अंबाला से चीन बॉर्डर की दूरी 230 किमी. है और LAC पहुंचने में भी राफेल को सिर्फ 6 मिनट लगेंगे.

यानी राफेल की 'पराक्रमी' तैनाती से चीन-पाकिस्तान पर नज़र रखी जाएगी, और कुछ ही मिनटों में इन्हें समझा भी दिया जाएगा कि उन्होनें भारत से दुश्मनी पालकर कितनी बड़ी गुस्ताखी की है. वैसे आपको ये भी जानना ज़रूरी है कि अंबाला एयरबेस के अलावा राफेल की तैनाती आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयरबेस पर भी हो सकती है. 

2200 किमी/घंटे की टॉप स्पीड से अगर राफेल हासिमारा एयरबेस से पास के LAC के लिए उड़ान भरे, तो हासिमारा से चीन बॉर्डर सिर्फ 80 किलोमीटर है और यहां पहुंचने में राफेल को सिर्फ 3 मिनट ही लगेंगे.

चीन और पाकिस्तान दोनों को अंदाजा है कि अंबाला में राफेल की तैनाती के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है और पाकिस्तान के F-16 और चीन के J-11 जैसे विमानों को तो राफेल कुछ ही सेकंड्स में धूल चटा देगा.

इसे भी पढ़ें: अंबाला एयरबेस पर फ्रांसीसी रक्षामंत्री की मौजूदगी में वायुसेना को मिला राफेल

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान: पूर्व PM नवाज शरीफ पर शिकंजा कसा, भगोड़ा घोषित

ट्रेंडिंग न्यूज़