नई दिल्ली: बीते साल में कोरोना महामारी के कारण उद्योग-धंधे बुरी तरह से प्रभावित हुए थे. भारतीय अर्थव्यवस्था में भी लगातार दो तिमाहियों में गिरावट दर्ज की गई थी. कई लोगों को उस काल में रोजगार से हाथ धोना पड़ा था.
वर्तमान में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने भी उद्योग-धंधों को बुरी तरह प्रभावित किया है.
स्थानीय लॉकडाउन से प्रभावित हुए उद्योग-धंधे
शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एससीएआई) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने से उद्योग का कारोबार करीब 50 प्रतिशत गिर गया है.
संक्रमण को रोकने के लिए कई राज्य सरकारों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया है.
एसोसिएशन ने बयान में कहा, 'कुछ राज्यों में स्थानीय अंकुशों, मॉल बंद होने तथा सप्ताहांत कर्फ्यू की वजह से कारोबार, पुनरुद्धार और संगठित खुदरा क्षेत्र में रोजगार प्रभावित होगा.'
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टीकाकरण शिविर लगाने का आग्रह
एससीएआई ने अपने बयान में बताया है कि कोविड पूर्व से पहले उद्योग मासिक आधार पर 15,000 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा था. मार्च, 2021 के मध्य में यह आंकड़ा फिर हासिल हो गया था.
लेकिन स्थानीय स्तर पर अंकुशों के बाद अब उद्योग का कारोबार 50 प्रतिशत नीचे आ गया है.
एससीएआई के अनुसार, देशभर में मॉल्स का कारोबार करीब 90 प्रतिशत पर और लोगों की आवाजाही 75 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. लेकिन स्थानीय स्तर पर अंकुशों के बाद अब इसमें जबरदस्त गिरावट आई है.
एससीएआई ने कहा कि सरकार के टीकाकरण के प्रयासों में मदद के लिए हमने राज्य सरकारों से मॉल्स में टीकाकरण शिविर लगाने का भी आग्रह किया है.
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