दिल्ली: अर्थव्यवस्था में जारी संकट और बढ़ती महंगाई दर के बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि इकोनॉमी की चिंता हर किसी को है और मैं अपनी काम पूरी ईमानदारी से कर रही हूं. सरकार सभी गिरावटों और समस्याओं पर गंभीरता से काम कर रही है. जल्द ही इसका सकारात्मक परिणाम दिखेगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिये जो भी कदम उठाए उनका असर दिख रहा है.
नवंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़ी
नवंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.54 फीसद पर पहुंच गई। 2016 के बाद से खुदरा महंगाई दर नवंबर 2019 में सबसे अधिक रही है. जो चिंताजनक है. सरकार लगातार ये कहती रही है कि हम वैश्विक मंदी के चलते आर्थिक सुस्ती आई है लेकिन देश में कारोबार सकारात्मक गति से चल रहा है. ये आंकड़ें सरकार की चिंता बढ़ा रहे हैं. बता दें कि अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 4.62 फीसद थी.
औद्योगिक क्षेत्र में भी सुस्ती बरकरार
आपको बता दें कि औद्योगिक क्षेत्र में भी मंदी का बुरा असर है. अक्टूबर में इसमें -2.1 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 8.2 फीसद की ग्रोथ देखी गई थी. अक्टूबर में पावर जेनरेशन में -12.2 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई जिसमें एक साल पहले की समान अवधि में 10.8 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई थी.
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मुख्य आर्थिक सलाहकार 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी पर डटे
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की ओर आगे बढ़ रही है. इसके लिए हमारे पास एक सुनियोजित रणनीति है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि क्रेडिट गांरटी स्कीम के तहत 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी जा चुकी है. जबकि 2 महीने में PSUs के 61 हजार करोड़ का बकाया चुकाया जा चुका है. वहीं 7657 करोड़ के 17 प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है.
लगातार घट रही जीडीपी
बीते दिनों चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी किए गए हैं. इसके मुताबिक दूसरी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है. यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है. आर्थिक विकास दर लगातार घट रही है. सरकार ने पीएनबी समेत 10 बैंकों के विलय का ऐलान किया है. सरकार का कहना है कि इससे बैंक मज़बूत होंगे और उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी. वर्तमान में बैंकों की कर्ज देने की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों का निवेश प्रभावित हो रहा है.
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