Aadhaar: आधार कार्ड सही उम्र निर्धारित करने के लिए वैध दस्तावेज है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया ये आदेश

Aadhaar card: सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले को पलट दिया है. SC ने कहा कि दुर्घटना मुआवजा दावों के लिए आधार कार्ड आयु का वैध प्रमाण नहीं है, तथा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार, सटीक आयु निर्धारण के लिए स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र के उपयोग पर जोर दिया है.  

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Oct 24, 2024, 09:24 PM IST
  • SC ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का फैसला पलटा
  • आधार कार्ड आयु का वैध प्रमाण नहीं
Aadhaar: आधार कार्ड सही उम्र निर्धारित करने के लिए वैध दस्तावेज है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया ये आदेश

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को मुआवजा देने के लिए उसकी आयु निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड को स्वीकार किया गया था. न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 94 के तहत मृतक की आयु स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र में उल्लिखित जन्म तिथि से निर्धारित की जानी चाहिए.

पीठ ने कहा, 'हमें लगता है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने अपने परिपत्र संख्या 8/2023 के माध्यम से, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 20 दिसंबर, 2018 को जारी एक कार्यालय ज्ञापन के संदर्भ में कहा है कि आधार कार्ड, हालांकि पहचान स्थापित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है.'

जब उम्र निर्धारित करने की बात आई तो शीर्ष अदालत ने दावेदार-अपीलकर्ताओं की दलील को स्वीकार कर लिया और मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) के फैसले को बरकरार रखा, जिसने मृतक की उम्र की गणना उसके स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र के आधार पर की थी.

शीर्ष अदालत 2015 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति के परिजनों द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी.

MACT, रोहतक ने 19.35 लाख रुपये का मुआवजा दिया था, जिसे उच्च न्यायालय ने घटाकर 9.22 लाख रुपये कर दिया था, क्योंकि उसने पाया कि MACT ने मुआवजा निर्धारित करते समय गलत तरीके से आयु गुणक का इस्तेमाल किया था.

कितनी थी उम्र?
उच्च न्यायालय ने मृतक की आयु 47 वर्ष निर्धारित की, जैसे कि उसके आधार कार्ड पर थी. लेकिन परिवार ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने मृतक की आयु आधार कार्ड के आधार पर निर्धारित करते हुए चूक की है, क्योंकि उसकी आयु, यदि उसके स्कूल अवकाश प्रमाण पत्र के अनुसार गणना की जाए, तो मृत्यु के समय 45 वर्ष थी.

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