वाकई बीजेपी की B टीम हैं इंजीनियर राशिद? क्यों उनके बाहर आने से परेशान हैं नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. अनुच्छेद 370 हटने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद यहां पहली बार चुनाव होंगे. चुनाव 3 चरणों 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे जबकि परिणाम 8 अक्टूबर को आएगा. राज्य में जब से अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष इंजीनियर राशिद अंतरिम जमानत पर बाहर आए हैं सियासी पारा चढ़ गया है. ऐसे में जानें क्यों उनके बाहर आने से स्थानीय पार्टियां नाखुश हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 14, 2024, 08:02 PM IST
  • इंजीनियर राशिद ने दी थी करारी शिकस्त
  • NC और PDP के लिए बन सकते हैं सिरदर्द
वाकई बीजेपी की B टीम हैं इंजीनियर राशिद? क्यों उनके बाहर आने से परेशान हैं नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP

नई दिल्लीः Jammu Kashmir Election: टेरर फंडिंग के आरोपी और अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष इंजीनियर राशिद अंतरिम जमानत पर बाहर हैं. उनको चुनाव प्रचार के लिए 2 अक्तूबर तक अंतरिम जमानत मिली है. उनके बाहर आने के बाद से नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सवाल उठा रही है. फारूक अब्दुल्ला हों या महबूबा मुफ्ती दोनों ही स्थानीय नेताओं ने इंजीनियर राशिद के बाहर आने पर प्रश्नचिह्न खड़े किए हैं.

इंजीनियर राशिद ने दी थी करारी शिकस्त

इंजीनियर राशिद को बीजेपी की बी टीम कहा जा रहा है. वहीं उनके चुनाव के समय बाहर आने की टाइमिंग पर सवाल भी खड़े जा रहे हैं. हालांकि इंजीनियर राशिद इन सब बातों को नकार चुके हैं. दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान इंजीनियर राशिद ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को बारामूला संसदीय सीट से हराया था. ये जीत काफी बड़ी थी, क्योंकि राशिद इंजीनियर ने जेल में रहते हुए उमर अब्दुल्ला को करीब 2 लाख से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी.

NC और PDP के लिए बन सकते हैं सिरदर्द

एक्सपर्ट मानते हैं कि नॉर्थ कश्मीर में वह नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यही वजह है कि उनके बाहर आने से ये पार्टियां परेशान हो रही हैं. खासकर लोकसभा चुनाव में इंजीनियर राशिद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को खासा नुकसान पहुंचाया था.

बीजेपी के समर्थन का सवाल ही नहींः राशिद

उमर अब्दुल्ला को लोकसभा चुनाव में हराने वाले इंजीनियर राशिद ने दावा किया कि उमर अब्दुल्ला दोनों सीटों से चुनाव हारेंगे. वे अगर कश्मीरियों के मुद्दे उठाते तो उनको इस तरह वोट मांगने के लिए जूझना नहीं पड़ता. एक मीडिया आउटलेट से बातचीत में बीजेपी की बी टीम को लेकर लग रहे आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने कश्मीरी लोगों से बिना पूछे आर्टिकल 370 हटाया, इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया उसका समर्थन करने का प्रश्न ही नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के खिलाफ शुरू से ही थे. प्रॉक्सी का कोई प्रश्न ही नहीं है.

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