नई दिल्ली: Rajasthan Cabinet Expanison: राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार लगातार टलता जा रहा है. पहले ये माना जा रहा था कि 27 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा, राजभवन की ऐसी तस्वीरें भी आईं जिनमें मंत्रियों के शपथ समारोह की तैयारियां हो रही थीं. कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार में हुई देरी पर लगातार सवाल उठा रही है. अभी तक भाजपा ने मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री ही चुने हैं.
वसुंधरा के करीबियों का क्या होगा?
भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को मंतिमंडल में मौक़ा दिया है. पार्टी राजस्थान में भी यही फॉर्मूला अपनाना चाह रही है. जिस तरह से मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबियों को मंत्री पद नहीं मूल, ठीक उसी तरह से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबियों को भी साइडलाइन किया जा रहा है. माना जा रहा है कि इसी को लेकर मंत्रिमंडल विस्तार अटका हुआ है
दावा- वसुंधरा के कारण अटका विस्तार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रिमंडल में करीब 15 से 18 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. दावा किया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने 6 से 7 करीबियों को मंत्री बनाना चाह रही हैं, लेकिन पार्टी उनकी इस बात से राजी नहीं है. मैडम अपने करीबियों को मंत्री पद दिलाने के लिए लगातार जोर लगा रही हैं. जबकि पार्टी नेतृत्व नए चेहरों को तरजीह देना चाह रहा है. रिपोर्ट्स में दावा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का यही कारण है.
जातिगत और भौगोलिक समीकरणों पर फोकस
मंत्रिमंडल में भाजपा जाति और भौगोलिक परिस्थति को देखते हुए विस्तार करेगी. ब्राह्मण चेहरे को मुख्यमंत्री दलित व राजपूत चेहरे को उप मुख्यमंत्री बनाने के बाद ओबीसी और एससी की जातियों को टारगेट किया जाएगा. इसके अलावा, शेखावाटी, मारवाड़, हाड़ौती और वांगड़ इलाके के लोगों को प्रतिनिधित्व देने के लिए यहां के इलाकों से भी मंत्री बनाए जाएंगे.
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