नई दिल्ली: इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री (आईसीईए) ने बुधवार को कहा कि आईटी मंत्रालय नए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) मानक के अनुरूप मोबाइल सुरक्षा दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए उद्योग के साथ मिलकर काम कर रहा है.
पहले से इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन पर होगी कार्रवाई?
मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए शीर्ष उद्योग निकाय आईसीईए का बयान मीडिया रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि सरकार स्मार्टफोन के लिए सुरक्षा परीक्षण (Security Testing) का प्लान बना रही है और मोबाइल उपकरणों पर पहले से इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन पर कार्रवाई कर रही है - केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस दावे का जोरदार खंडन किया.
पंकज महेंद्रू, अध्यक्ष, आईसीईए ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पहले से जारी बीआईएस मानक आईएस 17737 (भाग-3) 2021 के अनुसार मोबाइल सुरक्षा दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए आईसीईए और उद्योग के साथ गहन परामर्श मोड (Deep Consultation Mode) में काम कर रहा है.
मंत्रालय को लेकर आईसीईए के अध्यक्ष ने बताई ये बात
महेंद्रू ने बताया- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस मानक को अपनाने के लिए उपकरण निर्माताओं के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए उद्योग के साथ सक्रिय परामर्श कर रहा है. बीआईएस को परीक्षण प्रक्रिया और प्रयोगशालाओं के आवश्यक बुनियादी ढांचे और इन प्रयोगशालाओं के प्रमाणन (certification of laboratories) के साथ आना होगा जो बीआईएस मानक के अनुसार उपकरणों का परीक्षण करने में सक्षम हैं.
उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सहमति व्यक्त की है कि हमारे पास उपकरण निर्माता/ब्रांड मालिकों के लिए अनुपालन के लिए पर्याप्त समय होगा जब तक कि उद्योग की संतुष्टि के लिए आवश्यक प्रयोगशाला बुनियादी ढांचा तैयार नहीं हो जाता है ताकि यह किसी भी तरह से व्यापार करने में आसानी को प्रभावित न करे.
स्मार्टफोन के लिए सिक्योरिटी टेस्टिंग का प्लान है या नहीं?
सरकार ने पहले कहा था कि स्मार्टफोन के लिए सुरक्षा परीक्षण या पूर्व-स्थापित अनुप्रयोगों पर कार्रवाई की कोई योजना नहीं है, क्योंकि एकमात्र जोर व्यापार करने में आसानी और स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने पर है. मोहिंद्रू ने एक ट्वीट में कहा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के लिए 100 फीसदी प्रतिबद्ध है और 2026 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर रहा है.
चंद्रशेखर के मुताबिक, देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्च रिंग अगले वित्त वर्ष में 1.28 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाने की संभावना है. अप्रैल-दिसंबर 2022 की अवधि में, मोबाइल फोन का निर्यात लगभग 7-8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, और वित्तीय वर्ष के लिए 9 बिलियन डॉलर को पार करने की उम्मीद है.
आईसीईए के अनुसार, सरकार ने 2025-26 तक 300 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्च रिंग का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 75-100 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्च रिंग अकेले उत्तर प्रदेश से होने की उम्मीद है.
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