निहारती है छत, उठाती है सवाल- गोली के दर्द पर देती है बहादुरी का संदेश, जानें कांस्टेबल कादिरी की बेटी का हाल

मां अभी भी सफा और आठ वर्षीय बेटी सद्दा को पूरा मामला समझा नहीं पा रही. राबिया ने कहा कि मैंने उनसे कहा था कि उनके पिता को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है लेकिन मैं इस झूठ को ज्यादा नहीं ढो सकी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 5, 2022, 08:34 PM IST
  • बहादुर पुलिसकर्मी पिता की दिलेर बेटी है सफा
  • बांह में गोली लगने के बाद भी देती है साहसी बयान
निहारती है छत, उठाती है सवाल- गोली के दर्द पर देती है बहादुरी का संदेश, जानें कांस्टेबल कादिरी की बेटी का हाल

श्रीनगर: पुलिस कांस्टेबल सैफुल्ला कादिरी की नौ वर्षीय बेटी अक्सर फूट-फूट कर रोने लगती है क्योंकि उसे अपने पिता की याद आती है. उसे इस बात का अफसोस होता है कि उसने 24 मई को क्यों अपने पिता से ट्यूशन के लिए छोड़ने जाने की जिद की . दरअसल, उस दिन कादिरी की आतंकवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. तीसरी कक्षा की छात्रा सैयद सफा कादिरी की दुनिया बिखर सी गई है क्योंकि वह खौफनाक मंजर उसकी आंखों के आगे घूम रहा है जब आतंकवादियों ने उसके पिता को गोलियों से भून दिया था.

पिता को लेकर पूछती है सवाल

सफा की मां राबिया कहती हैं, ‘‘सफा की एक बांह में पट्टी बंधी है, गोली उसे भी लगी थी. वो सदमे से उबर नहीं पा रही है. सूनी आंखों से छत को देखती रहती है'' सफा बीच बीच में सवाल करती है, ‘‘मेरे पापा जन्नत में गये होंगे ना?’’

राबिया ने कहा, ‘‘वह (सफा) अक्सर इस बात का अफसोस करते हुए रोने लगती है कि उसने उस दिन ट्यूशन जाते समय क्यों अपने पिता से साथ चलने की जिद की.’’ जम्मू कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल कादिरी की आतंकवादियों ने श्रीनगर के बाहरी इलाके अंचार क्षेत्र में उनके घर के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी थी.

'पति का शव देख पैरों तले खिसक गई थी जमीन'

राबिया ने रोते हुए कहा, ‘‘मैं उस वक्त रसोई में थी जब पड़ोसी सफा को बाहर से उठाकर लाए. उसके कपड़े खून से सने थे. हम उसे लेकर अस्पताल को दौड़े. मैंने देखा कि लोग मेरे पति को एक दूसरे स्ट्रेचर पर लिए दौड़ रहे हैं, मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई. उस वक्त मुझे अहसास नहीं हुआ कि मेरे पति को निशाना बनाया गया था.’’

सफा से उसकी बांह के बारे में पूछे जाने पर उसने बहादुरी से लेकिन रूंधे हुए गले से कहा, ‘‘मैं ठीक हूं... कभी-कभी इसमें थोड़ा दर्द होता है लेकिन मैं एक बहादुर पुलिसकर्मी की बेटी हूं. मुझे बस इतना पता है कि मुझे आईपीएस आफिसर बनकर अपने पिता के सपने को पूरा करना है.’’

मां बेटी से बोलती है झूठ

उसकी मां अभी भी सफा और आठ वर्षीय बेटी सद्दा को पूरा मामला समझा नहीं पा रही. राबिया ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा था कि उनके पिता को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है लेकिन मैं इस झूठ को ज्यादा नहीं ढो सकी क्योंकि बहुत से लोग घर में आ जा रहे हैं तो वे कुछ समझ रही हैं.’’

पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने कहा कि पुलिस ने कादिरी की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादी की पहचान कर ली है और जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा. राबिया ने कहा, ‘‘ मुझे अपने बच्चों के लिए आय के एक स्थायी स्रोत की जरूरत है. मैं आश्वस्त हूं कि पुलिस विभाग निश्चित रूप से इस पर विचार करेगा.’’

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