पटना: बिहार में सियासी उठापटक के बीच नीतीश कुमार महागठबंधन के अन्य नेताओं के साथ राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया. उनके साथ तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी और कांग्रेस के अजित शर्मा भी साथ थे.
अब ऐलान हो गया है कि राज्यपाल फागू चौहान बुधवार शाम 4 बजे जदयू नेता नीतीश कुमार को शपथ ग्रहण कराएंगे. इसके साथ ही नीतीश कुमार शाम 4 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
Bihar | JD(U)-RJD led 'Mahagathbandhan' (Grand Alliance) in Bihar to take oath at 4pm, tomorrow pic.twitter.com/OMQrcT0xYs
— ANI (@ANI) August 9, 2022
बिहार में 7 दलों की बनेगी सरकार-नीतीश
राजभवन से बाहर निकलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अब सात पार्टी एक साथ मिलकर बिहार का विकास करेंगे, बिहार की सेवा करेंगे. प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न को हंसते हुए टाल दिया. उन्होंने कहा कि छोड़िए यह सब.
भाजपा पर हमलावर हुए तेजस्वी
राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा पर जोरदार निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा जहां रहती है, जिसके साथ रहती है, उसे खत्म करने में लगी रहती है. पंजाब देखिए, महाराष्ट्र देखिए. पूरे उत्तर भारत में अब भाजपा का कोई बड़ा सहयोगी नहीं रहा. देश में अराजकता का माहौल बन रहा है, सांप्रदायिकता फल-फूल रही है, सामाजिक न्याय प्रभावित हो रहा है. अर्थव्यवस्था देख लीजिए, देश की सुरक्षा देख लीजिए.
उन्होंने कहा कि बिहार ने देश को दिशा दिखाने का काम किया है कि जो जनता के लिए लड़ता है, जनता उसे स्वीकार करती है. जनता विकल्प चाहती है. उन्होंने नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ आने पर धन्यवाद दिया. पहले के बयानों, आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमलोग चाचा, भतीजा है. एक परिवार में थोड़ी बहुत लड़ाई होती रहती है.
राज्य विधानसभा में विधायकों की वर्तमान संख्या 242 है और बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत है. बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जद (यू) नेता कुमार पर 2020 के विधानसभा चुनावों के जनादेश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और दावा किया कि कुमार को इसके लिए ‘‘बिहार की जनता सजा देगी.’’
नीतीश कुमार का यह कदम 2017 में जो हुआ था उसका उलटा है जब वह महागठबंधन का साथ छोड़कर राजग में फिर से शामिल हो गए थे. कुमार ने सहयोगी भाजपा का साथ नौ साल में दूसरी बार छोड़ा है. नरेंद्र मोदी को गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने 2013 में राजग का साथ छोड़ दिया था.
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