अयोध्या मामले पर जेहादी संगठन PFI को शीर्ष अदालत का फैसला नामंजूर

देश की सर्वोच्च अदालत ने सबसे लंबे समय तक चले उस विवाद का अंत कर दिया है जिसने हिंदुस्तान के आम जन मानस पर प्रतिकूल असर डाला था. लेकिन अयोध्या विवाद के शांतिपूर्वक हल को  देश विरोधी काम करने वाला और जेहाद को बढ़ावा देना वाला संगठन PFI स्वीकार नहीं कर रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 12, 2020, 03:59 PM IST
    • कई पुनर्विचार याचिका खारिज कर चुका है कोर्ट
    • देश विरोधी काम करती है PFI
    • जोर शोर से चल रही है राम मंदिर बनाने की तैयारी
अयोध्या मामले पर जेहादी संगठन PFI को शीर्ष अदालत का फैसला नामंजूर

दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने अयोध्या मामले में शुक्रवार को क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है. इससे पता चलता है कि इस देश विरोधी जेहादी संगठन को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर नहीं है. पीएफआई ने गत वर्ष नौ नवंबर के फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने क्यूरेटिव याचिका पर खुली अदालत में बहस की मांग की. याचिका में कहा गया है कि अदालत ने राम लला के पक्ष में फैसला दिया है जो PFI को मंजूर नहीं है.

कई पुनर्विचार याचिका खारिज कर चुका है कोर्ट

इस मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज पहले ही शीर्ष अदालत खारिज कर चुकी है. याचिका खारिज होने के बाद पीस पार्टी के डॉक्टर अयूब ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस मामले में फैसला आस्था के आधार पर लिया गया था.

देश विरोधी काम करती है PFI

2006 में PFI का गठन हुआ था. PFI केरल समेत 7 राज्यों में सक्रिय है. वहीं 16 राज्यों में इसका असर है और 15 से ज्यादा संगठन इससे जुड़े है. माना जा रहा है कि अलकायदा का इस्लामिक बैंक PFI को फंडिंग करता है और 2017 में 6 PFI कार्यकर्ता ISIS में शामिल हुए थे. खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में चरमपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई की बड़ी भूमिका थी. उत्तर प्रदेश  पुलिस ने PFI के कई सदस्यों को गिरफ्त में ले रखा है.

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जोर शोर से चल रही है राम मंदिर बनाने की तैयारी

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नवनियुक्त महासचिव चंपत राय ने कहा कि गगनचुंबी मंदिर के नाम पर न्यास की ओर से प्रस्तावित मॉडल को खारिज किया जाना उचित नहीं है. सच्चाई यह है कि देश की आजादी के बाद इतनी ऊंचाई वाला कोई मंदिर नहीं बना. जमीन की सतह से 141 फीट ऊंचे मंदिर को गगनचुंबी ही कहा जाएगा.  ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की थी और उन्हें अयोध्या आकर भूमिपूजन करने का निमंत्रण दिया था. ट्रस्ट का कहना है कि  6 महीने के भीतर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. 

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