शुरू होने वाला है चिल्लई कालन, जिसके बाद बर्फ में जम जाता है कश्मीर-लद्दाख

40 दिनों तक चलने वाली चिल्लई कालन की अवधि हर साल 31 जनवरी को समाप्त होती है. यह लोगों के लिए बहुत मुश्किलें लेकर आती है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 20, 2021, 12:19 PM IST
  • चिल्लई कालन की शुरआत 21 दिसंबर से होने वाली है
  • ठंड में जिंदा रहने के लिए उच्च कैलोरी वाली चीजें खाते हैं
शुरू होने वाला है चिल्लई कालन, जिसके बाद बर्फ में जम जाता है कश्मीर-लद्दाख

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ‘चिल्लई कलां’ या चिल्लई कालन की शुरआत 21 दिसंबर से होने वाली है. ऐसे में जमे हुए पानी के पाइप, हड्डियों को गलाने वाली ठंड ने सोमवार को कश्मीरियों को आगे के ठंडे मौसम के लिए तैयार रहने के लिए आगाह किया गया है. 40 दिनों तक चलने वाली चिल्लई कालन की अवधि हर साल 31 जनवरी को समाप्त होती है. यह लोगों के लिए बहुत मुश्किलें लेकर आती है. 40 दिन के इस समय में क्या होता है, इसके बारे में सब कुछ जानते हैं. 

कश्मीरियों को करनी पड़ती है तैयारी
अनिश्चित बिजली सप्लाई के साथ, लकड़ी का कोयला और विलो विकर में बुना हुआ मिट्टी का चूल्हा अभी भी कश्मीरियों के लिए चिल्लई कालन की ठंड को झेलने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. चिल्लई कलां की ठंड के दौरान जिंदा रहने के लिए कश्मीरी उच्च कैलोरी वाली चीजें खाते हैं.

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क्या है चिल्लई कलां
इस एक महीने के समय में रात के तापमान में काफी गिरावट रहती है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के क्षेत्र में ये स्थिति गंभीर होती है. दोनों जगहों पर अधिकतम तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है. भीषण ठंड के कारण, डल झील, वुलर झील समेत कई अन्य जलाशय जम जाते हैं.

माइनस में चला गया तापमान
सोमवार को श्रीनगर का न्यूनतम तापमान माइनस 5.8, पहलगाम में माइनस 7.4 और गुलमर्ग में माइनस 5.5 था. लद्दाख के द्रास शहर में रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 19.0 नीचे, लेह में शून्य से 18.0 नीचे और कारगिल में शून्य से 11.5 नीचे दर्ज किया गया. जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 3.2, कटरा में 4.2, बटोटे में 1.7, बनिहाल में 3.0 और भद्रवाह में शून्य से 1.8 नीचे दर्ज किया गया. मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि अगले 2-3 दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में मामूली सुधार हो सकता है.

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