नई दिल्लीः कश्मीर मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UNSG) एंटोनियो गुटेरस की टिप्पणी पर उन्हें भी दो टुक जवाब दिया है. गुटेरस ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, साथ ही हिदायत दी थी कि दोनों देशों को तनाव कम करना चाहिए. इस मामले में भारत ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है. ऐसे में मध्यस्थता की कोई भूमिका नहीं है. मंत्रालय का कहना है कि भारत अपने रुख पर कायम है.
गुटेरस पाकिस्तान की 4 दिन की यात्रा पर हैं
दरअसल, गुटेरस पाकिस्तान की 4 दिन की यात्रा पर हैं और रविवार को इस्लामाबाद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर के हालात पर चिंता जाहिर की और इस मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की. इस दौरान गुटेरस ने दोनों देशों को तनाव कम करने की हिदायत भी दी. गुटेरस ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को आपस में सैन्य और जुबानी तनाव को कम करना चाहिए.
Raveesh Kumar, MEA on comments made by Secretary-General of United Nations (UNSG) in Islamabad: Further issues, if any, would be discussed bilaterally. There is no role or scope for third party mediation. https://t.co/h4zRauRdeb
— ANI (@ANI) February 16, 2020
साथ ही दोनों देशों को अत्यधिक संयम बनाए रखना काफी अहम है. उन्होंने कहा, 'मैंने शुरू से ही अपनी मदद की पेशकश की. अगर दोनों देश मध्यस्थता के लिए सहमत हैं तो मैं मदद करने के लिए तैयार हूं.'
मध्यस्थता के लिए कोई भूमिका या गुंजाइश नहीं
वहीं गुटेरस की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'भारत की स्थिति नहीं बदली है. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है और जारी रहेगा. अगर कुछ हो तो आगे के मुद्दों पर द्विपक्षीय रूप से चर्चा की जाएगी. तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए कोई भूमिका या गुंजाइश नहीं है.'
भारत खुद सुलाझा लेगा मुद्दा
इससे पहले अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन संवाद के दौरान कश्मीर का संदर्भ देते हुए कहा था कि लोकतंत्र का प्रदर्शन करने का सबसे बेहतर तरीका है कि कश्मीर मुद्दे का लोकतांत्रिक तरीके से समाधान किया जाए. जिसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत खुद ही यह मुद्दा सुलझा लेगा.
तुर्की के राष्ट्रपति को भी चेताया
पाकिस्तान की संसद में कश्मीर पर बयानबाजी करने वाले तुर्की के राष्ट्रपति को भारत ने साफ-साफ शब्दों में चेतावनी दे दी है. विदेश मंत्रालय ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया करें. इसके साथ ही, भारत ने तुर्की को पाकिस्तान के आतंकवाद पर ध्यान देने की नसीहत दी.
तुर्क राष्ट्रपति ने कहा था 'आज कश्मीर का मुद्दा हमारे उतना ही करीब है जितना पाकिस्तान के. उन्होंने कहा, 'ऐसा समाधान सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा. तुर्की कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए न्याय, शांति और संवाद के साथ खड़ा रहेगा.
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