क्या तिहाड़ जेल में रहकर भी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं अरविंद केजरीवाल? जानें विशेषज्ञों ने क्या कहा?

Arvind Kejriwal CM Post:  वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने बताया कि एक बार गिरफ्तार होने के बाद किसी व्यक्ति के मुख्यमंत्री बने रहने पर कानून में कोई रोक नहीं है, जिसका मतलब है कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं. हालांकि, बताया गया कि जेल के अंदर से सरकार चलाना व्यावहारिक रूप से असंभव है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Apr 2, 2024, 09:18 AM IST
  • जेल के अंदर से सरकार चलाना व्यावहारिक रूप से असंभव
  • राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का उदाहरण दिया गया
क्या तिहाड़ जेल में रहकर भी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं अरविंद केजरीवाल? जानें विशेषज्ञों ने क्या कहा?

Arvind Kejriwal CM Post: जैसे ही दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत 15 अप्रैल तक बढ़ा दी, कानूनी विशेषज्ञों ने उनकी गिरफ्तारी पर जोर देते हुए कहा कि उनके लिए जेल के अंदर से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहना व्यावहारिक रूप से असंभव है.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. विशेषज्ञ कहते हैं, 'हालांकि संविधान या कानून में ऐसी कोई रोक नहीं है जो उन्हें जेल में रहते हुए सरकार चलाने से रोकती हो, लेकिन इसे जारी रखना व्यावहारिक रूप से असंभव है.

यह पूछे जाने पर कि क्या केजरीवाल न्यायिक हिरासत के बाद भी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं, वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत सिन्हा ने PTI से कहा, 'संविधान में किसी व्यक्ति को एक बार जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री बने रहने पर रोक लगाने वाला कोई विशेष प्रावधान नहीं है, लेकिन यह व्यावहारिक रूप से असंभव है.'

कानूनी विशेषज्ञों की राय दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि कोई भी प्रावधान केजरीवाल को हिरासत में रहते हुए सरकार चलाने से नहीं रोक सकता. उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि संवैधानिक विफलता होने पर कार्यकारी अधिकारी कार्रवाई करेंगे.

क्या हैं मुश्किलें
वरिष्ठ वकील और SCBA के पूर्व अध्यक्ष विकास सिंह ने पीटीआई को बताया कि जेल के अंदर से सरकार चलाना व्यावहारिक रूप से असंभव है, क्योंकि केजरीवाल को अपने प्रस्तावित हर कदम के लिए अदालत से अनुमति लेनी होगी. दिल्ली के सीएम कोई कैबिनेट बैठक भी नहीं बुला सकेंगे.

अधिवक्ता अजीत सिन्हा ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि शुरू में यह धारणा थी कि बिहार सरकार जेल से भी चलाई जा सकती है. हालांकि, यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को अपना उत्तराधिकारी बनाया.

सिन्हा ने आगे कहा कि संविधान निर्माताओं ने ऐसे परिदृश्य की कल्पना नहीं की थी जिसमें मौजूदा मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया जाए.

'जेल से सरकार चलाने में कोई रोक नहीं'
वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने पीटीआई को बताया कि एक बार गिरफ्तार होने के बाद किसी व्यक्ति के मुख्यमंत्री बने रहने पर कानून में कोई रोक नहीं है, जिसका मतलब है कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं.

उन्होंने कहा, 'जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, दोषसिद्धि के बाद ही किसी विधायक को अयोग्य माना जा सकता है और इसलिए, वह मंत्री बनने का हकदार नहीं रह जाता है. यद्यपि अभूतपूर्व, उसके लिए जेल से कार्य करना तकनीकी रूप से संभव है.'

बता दें कि सोमवार को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पार्टी ने कहा कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक अपना इस्तीफा देने की योजना नहीं बना रहे हैं.

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