लालू यादव की मुश्किलें बढ़ीं, सीबीआई के बाद ईडी के रडार पर आए

चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर आ गये हैं. चारा घोटाले के दो कांडों को टेकओवर करते हुए ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 19, 2022, 11:16 PM IST
  • चारा घोटाला मामले में लालू पर कस रहा शिकंजा
  • 5वें मामले में लालू यादव को सोमवार को होनी है सजा
लालू यादव की मुश्किलें बढ़ीं, सीबीआई के बाद ईडी के रडार पर आए

नई दिल्लीः चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर आ गये हैं. चारा घोटाले के दो कांडों को टेकओवर करते हुए ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है. ये दो मामले झारखंड के देवघर कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये और दुमका कोषागार से 34.91 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के हैं. 

इन दोनों मामलों में लालू प्रसाद सहित कई अन्य आरोपियों को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट सजा सुना चुकी है.

21 फरवरी को 5वें मामले में लालू को होगी सजा
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि पांचवें मामले में उन्हें अदालत ने दोषी करार दिया है और आगामी 21 फरवरी को सजा सुनाई जानी है. इन सभी मामलों में सबसे प्रमुख आरोप कोषागारों से करोड़ों की फर्जी निकासी का है. 

यह तय माना जा रहा है कि बाकी तीन मामलों में भी ईडी आगे मनी लांड्रिंग के केस दर्ज करेगा. यानी सीबीआई के बाद लालू प्रसाद के लिए सिलसिलेवार ईडी के मुकदमों का सामना करना पड़ेगा.

इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज
ईडी ने लालू प्रसाद यादव के अलावा चारा घोटाले में सजायाफ्ता जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है, उनमें अजीत कुमार वर्मा, अरुण कुमार सिंह, विमल कांत दास, गोपीनाथ दास, कृष्णा कुमार प्रसाद, मनोरंजन प्रसाद, महिंदर सिंह बेदी, नंदकिशोर प्रसाद, नरेश प्रसाद, ओम प्रकाश दिवाकर, पंकज मोहन भुज, फूलचंद सिंह, पीतांबर झा, राधा मोहन मंडल, राजकुमार शर्मा उर्फ राजा राम जोशी, रघुनंदन प्रसाद, राजेंद्र कुमार बगरिया और शरदेंदु कुमार दास शामिल हैं.

बता दें कि सीबीआई अदालत में पशुपालन घोटाले से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान दोषी ठहराये गये कई अभियुक्तों की मौत हो गई थी. अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को ऐसे 13 अभियुक्तों द्वारा 1990 के बाद अर्जित की गई संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दे रखा है. 

इन लोगों में बीबी प्रसाद (बजट अधिकारी), भोलाराम तूफानी (मंत्री), चंद्रदेव प्रसाद वर्मा (मंत्री), छठू प्रसाद (कोषागार पदाधिकारी), कालिका प्रसाद सिन्हा (एकाउंटेंट), के अरुमुगम (सचिव), महेंद्र प्रसाद (सप्लायर), राघवेंद्र कुमार दास (प्रशासनिक अधिकारी), राजेंद्र सिंह (पशुपालन पदाधिकारी), रामराज राम (निदेशक), एसएन सिंह (पशुपालन पदाधिकारी), श्याम बिहारी सिन्हा (संयुक्त निदेशक) और वसीमउद्दीन (पशुपालन पदाधिकारी) शामिल हैं.

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