लखनऊ विश्वविद्यालय पेपर लीक मामला: शिक्षा व्यवस्था को कलंकित करते कलयुगी प्रोफेसर

जिस भारत में गुरु को गोविंद कहा जाता है उसी देश के कुछ प्रोफेसर और शिक्षक पूरी शिक्षा व्यवस्था को कलंकित करने में लगे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय में लॉ का पेपर लीक हो गया जिसमें दो प्रोफेसर के नाम सामने आए हैं. छात्रों का आरोप है कि इस पूरे मामले में कुलपति की भी संलिप्तता है उन्हें भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिये.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 18, 2019, 01:24 AM IST
    • लखनऊ विश्वविद्यालय में एलएलबी थर्ड सेमेस्टर का पेपर लीक होने का मामला
    • छात्रों का आरोप- कार्रवाई करने का दिखावा कर रहे हैं कुलपति
    • कुलपति का इस्तीफा मांग रहे छात्र
    • एसटीएफ कर रही है मामले की जांच
लखनऊ विश्वविद्यालय पेपर लीक मामला: शिक्षा व्यवस्था को कलंकित करते कलयुगी प्रोफेसर

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में एलएलबी थर्ड सेमेस्टर का पेपर लीक होने का मामला सामने आया है. इसकी जानकारी खुद विश्वविद्यालय के कुलपति एस.के. शुक्ला ने दी और पूरे विश्वविद्यालय की लॉ की परीक्षा निरस्त कर दी. मामला 11 दिसंबर का है जब कुलपति एस.के. शुक्ला ने प्रेस कांफ्रेंस में परीक्षा निरस्त करते हुए आरोपित प्रोफेसरों का निलंबित कर दिया. छात्रों का कहना है कि इस मामले खुद कुलपति एस.के. शुक्ला संलिप्त हैं और उन्हीं की सहमति से ये सब हुआ है इसलिये उन्हें भी इस्तीफा देना चाहिये.

जानिये पूरा मामला

आपको बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय के एलएलबी थर्ड सेमेस्टर का पेपर लीक होने का ऑडियो वायरल हुआ था. इसमें आरोपी प्रोफेसर परीक्षार्थी ऋचा मिश्रा को पेपर बताते सुने जा रहे हैं. मामला उजागर होने पर कुलपति एस.के. शुक्ला ने परीक्षाएं निरस्त कर दोनों आरोपी प्रोफेसरों आर.के. सिंह और डॉ अशोक सोनकर को निलंबित कर मामले की जांच के आदेश दिए थे. इस घटना के 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि परीक्षार्थी ऋचा और कुलपति की बातचीत का ऑडियो भी वायरल हो गया. इसके बाद कुलपति की भूमिका पर भी सवाल उठने शुरू हो गए और उनके इस्तीफे की मांग की जाने लगी.

छात्रों की आवाज दबाने की हो रही कोशिश

इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा नुकसान उन छात्रों का हो रहा है जिनकी बिना किसी कारण के परीक्षा निरस्त कर दी गयी है. इसकी चपेट में लगभग 2900 छात्र आए हैं जिन्होंने पूरी लगन से पेपर दिया था. वायरल ऑडियो से पता चलता है कि इस मामले में खुद कुलपति शामिल हैं और पेपर लीक कराने का पूरा खेल उनके इशारों पर ही हो रहा था. छात्रों का कहना है कि उनकी आवाज दबाने के लिये रसूख का प्रयोग किया जा रहा है और भविष्य बरबाद कर देने की धमकी दी जा रही है. छात्र लगातार लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और कुलपति का इस्तीफा मांग रहे हैं क्योंकि निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब वो खुद पद से हटेंगे. 

छात्रों का आरोप- कार्रवाई करने का दिखावा कर रहे हैं कुलपति

आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि कुलपति एस.के. शुक्ला आरोपी प्रोफेसरों पर कार्रवाई केवल खुद को बचाने के लिये कर रहे हैं. वायरल कॉल रिकार्डिंग से साफ पता चलता है कि कुलपति उस परीक्षार्थी ऋचा मिश्रा को बचाने की बात कर रहे हैं जिसके लिये ये पेपर लीक कराया गया. इससे साफ साफ पता चलता है कि कुलपति ही पेपर लीक कराने के पीछे हैं और उन्हें तुरंत नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देकर निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच में सहयोग करना चाहिये.

एसटीएफ कर रही है मामले की जांच

लखनऊ विश्वविद्यालय में लॉ पेपर लीक का ऑडियो वायरल होने की जांच एसटीएफ ने शुरू कर दी.  प्रकरण से जुड़े सभी लोगों को एसटीएफ ने नोटिस भेजकर बयान के लिए बुलाया है. एसटीएफ के सीओ पीके मिश्रा ने परीक्षा नियंत्रक ले. कर्नल एके मिश्रा से लॉ की परीक्षा से जुड़े सभी प्रश्न पत्र व अन्य दस्तावेज देने के लिए कहा है. जांच अधिकारी अभय सिंह ने बताया कि डिप्टी रजिस्ट्रार (परीक्षा) से भी कई डिटेल मांगी हैं.वायरल ऑडियो भी एसटीएफ को दे दिया गया है.

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