नई दिल्ली: Vachathi Rape Case: तमिलनाडु के मद्रास हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक जघन्य मामले में 215 सरकारी अधिकारियों को जेल भेजा है. दोषियों को निचली अदालत ने भी यही सजा सुनाई थी, इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की. अब हाईकोर्ट ने उनकी अपील खारिज करते हुए सजा को बरकरार रखा है. दरअसल, इन अधिकारियों पर 18 वनवासी महिलाओं से रेप करने का आरोप है. इसी मामले में कोर्ट ने सभी दोषियों से 10 लाख रुपये मुआवजा चुकाने के लिए कहा है. बलात्कार के दोषियों से मुआवजे की 50 फीसदी रकम वसूली जाएगी. सभी दोषियों को 1 से 10 साल तक की सजा सुनाई है.
क्या है पूरा मामला
घटना 20 जून 1992 की है, उस दौरान दक्षिण में वीरप्पन चन्दन तस्करी के लिए कुख्यात था. तमिलनाडु के वन और राजस्व विभाग को सूचना मिली की धर्मपुरी जिले के वाचथी गांव में चंदन की कटाई और तस्करी हो रही है. वहां छापेमारी हुई. अधिकारियों ने 18 वनवासी महिलाओं से रेप किया. कई लोगों के घर उजाड़े और उनकी मवेशियों को मार डाला.
54 आरोपियों की मौत हो गई
वाचथी गांव छापे मारी करने गई टीम में 155 वनकर्मी, 108 पुलिसकर्मी और 6 राजस्व अधिकारी शामिल थे. कुल 269 सरकारी कर्मचारी इस छापेमारी का हिस्सा रहे. लेकिन 1992 से लेकर 2023 तक 54 आरोपियों की मौत हो गई. करीब 32 साल बाद वनवासी महिलाओं को इन्साफ मिल है.
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