लखनऊ: यूपी के फतेहगढ़ जेल में बन्द माफिया धनंजय सिंह जमानत मिल गई और वह जेल से बाहर आ गया वही लखनऊ की कमिश्नरेट पुलिस हाथ पर हाथ मलते रह गई.
आपको बता दें कि लखनऊ में हुए पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय सिंह का नाम आया था और उसमें लखनऊ पुलिस में धनंजय सिंह के ऊपर 25,000 का इनाम भी घोषित किया था और उसके ठिकानों पर दबिश देने का भी दावा किया था.
लेकिन नाटकीय ढंग से धनंजय सिंह ने एक पुराने मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में 5 मार्च 2020 को सुबह 11.15 बजे प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया उसके बाद लखनऊ की कमिश्नरेट पुलिस ने दावा किया कि धनंजय सिंह की सरेंडर के बाद उससे लखनऊ पुलिस जेल में जाकर पूछताछ करेगी और उसे बी–वारंट तामील कराएगी लेकिन गिरफ्तारी के एक महीने बाद भी पुलिस ना तो उससे पूछताछ का समय निकाल पाई और ना ही बी– वारंट तामील करा पाई.
अब धनंजय सिंह ने फिर से कानूनी दांवपेच करके जिस मामले में सरेंडर किया था उस मामले में जमानत लेकर जेल से बाहर आ गया और लखनऊ पुलिस हाथ पर हाथ मलती रह गई.
इससे पहले लखनऊ के विभूतिखण्ड में हुए अजीत सिंह हत्याकांड में मुख्य आरोपी 1 लाख रुपये के इनामी शूटर कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर भी नाटकीय ढंग से दिल्ली में गिरफ्तार हुआ था. गिरधारी को दिल्ली की उत्तरी जिला पुलिस शाहबाद डेयरी क्षेत्र से गिरफ्तार करने का दावा किया था.
हालांकि, पुलिस सूत्रों का कहना था कि एनकाउंटर के डर से शूटर गिरधारी ने बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह के जरिए खुद को गिरफ्तार कराया है. हालांकि लखनऊ पुलिस द्वारा दिल्ली से गिरधारी को रिमांड पर आने के बाद पूछताछ के दौरान भागने की कोशिश में एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया गिरधारी ने पूछताछ में अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय सिंह का नाम लिया था जिसके बाद धनंजय सिंह के ऊपर 25,000 का इनाम भी घोषित किया गया लेकिन अब धनंजय सिंह जेल से बाहर भी आ चुका है और लखनऊ पुलिस इतना समय नहीं मिल पाया की धनंजय सिंह पूछताछ करने जेल में जा पाए.
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