नई दिल्लीः राज्यसभा में सोमवार को सत्तापक्ष के सदस्यों ने महाराष्ट्र के ताजा घटनाक्रम को लेकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12 बजकर करीब 10 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने शून्यकाल में भी इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया. लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसकी अनुमति नहीं दी.
सदन में रहा शोरगुल
इसी दौरान सदन में प्रश्नकाल शुरू हो गया और भाजपा सदस्यों ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया. लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इसकी अनुमति नहीं दी और हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया.
हंगामे के दौरान ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कुछ पूरक प्रश्नों का उत्तर दिया. लेकिन सदन में शोरगुल के कारण उनकी बात स्पष्ट रूप से सुनी नहीं जा सकी.
उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की. लेकिन सदन में शोरगुल जारी रहने पर उन्होंने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
छाया 100 करोड़ वसूली का मुद्दा
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रुपये की मासिक वसूली करने को कहा है.
इस पत्र के बाद राज्य में सियासी तूफान आ गया.
शिवसेना-कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया आरोप
वहीं लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ लगाये गए आरोपों का मुद्दा सोमवार को उठाया और इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की.
भाजपा सांसदों ने जहां इसे अत्यंत गंभीर मामला बताते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया, वहीं शिवसेना और कांग्रेस ने केंद्र पर महाराष्ट्र सरकार को गिराने का प्रयास करने का इल्जाम लगाया.
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