नई दिल्ली. बीते वर्षों में लगातार हुई रक्षा खरीदों और आधुनिकीकरण प्रोजेक्ट्स की वजह से भारतीय सेनाओं की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है. इसी क्रम में भारतीय वायुसेना चीफ वीआर चौधरी इस सप्ताह स्पेन जा रहे हैं. यहां वो पहला सी-295 ट्रांसपोर्ट प्लेन रिसीव करेंगे. भारत ने स्पेन की कंपनी एयरबस के साथ 56 प्लेन का समझौता किया था. इसमें से 16 एयरक्राफ्ट एयरबस बनाकर देगी और बाकी 40 की तकनीक ट्रांसफर की जाएगी. बाकी के एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में ही होगा.
वडोदरा में होगा 40 एयरक्राफ्ट का निर्माण
40 एयरक्राफ्ट का निर्माण गुजरात के वडोदरा में टाटा और एयरबस द्वारा मिलकर किया जाएगा. यह अपने तरह का पहला प्रोजेक्ट है जिसमें एक प्राइवेट कंपनी द्वारा मिलिट्री एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में किया जाएगा. प्रोजेक्ट की वजह से रक्षा निर्माण से जुड़ी कई छोटी कंपनियों को भी बूस्ट मिलेगा. 40 एयरक्राफ्ट्स के निर्माण में पुर्जों के लिए इन कंपनियों से भी मदद ली जाएगी.
आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगा बल
इस मेगा प्रोजेक्ट की वजह से आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बड़ा बल मिलने वाला है. साथ ही देश में बड़े एयरक्राफ्ट निर्माण के लिए बेहतर एयरोस्पेस इकोसिस्टम भी तैयार होगा. C-295 एयरक्राफ्ट में क्विक एक्शन के लिए पिछली तरफ रैंप डोर है. इसका इस्तेमाल ट्रूप और कार्गो की पैरा ड्रॉपिंग के लिए भी किया जा सकता है.
सितंबर के आखिरी सप्ताह में हो सकता है कमीशन
रक्षा विभाग के अधिकारियों ने समचार एजेंसी एएनआई को बताया है-वायुसेना चीफ पहला एयरक्राफ्ट बुधवार को रिसीव करेंगे. इसके बाद यह एयरक्राफ्ट भारत लाया जाएगा. माना जा रहा है कि इस एयरक्राफ्ट को आधिकारिक रूप से सितंबर के आखिरी सप्ताह में हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर कार्यक्रम के बाद कमीशन किया जाएगा. बता दें कि भारतीय वायुसेना के चीफ इस कॉन्ट्रैक्ट को बेहतर बनाने में व्यक्तिगत रूप से सम्मिलित रहे हैं.
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