Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने 2021 के लिए दिलाया 'स्वच्छता संकल्प', पढ़िए बड़ी बातें

साल की आखिरी मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें ये संकल्प लेना चाहिए कि हम कचरा फैलाएंगे ही नहीं. उन्होंने ये भी कहा कि जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट के साथ काम करने का वक्त. युवाओं में वोकल फॉर लोकल के प्रति बढ़ा रुझान..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 27, 2020, 01:07 PM IST
  • 'मन की बात' में PM Modi ने क्या-क्या कहा?
  • Vocal4Local, और स्वच्छता अभियान का संदेश
Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने 2021 के लिए दिलाया 'स्वच्छता संकल्प', पढ़िए बड़ी बातें

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2020 के आखिरी Mann Ki Baat कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देशवासियों को कई अहम संदेश दिए. उन्होंने आत्मनिर्भर भारत (AatmaNirbhar Bharat), वोकल फॉर लोकल (Vocal4Local) और स्वच्छ भारत मिशन का संदेश दिया. आपको पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातों से रूबरू करवाते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

1). पीएम मोदी (PM Modi) ने देशवासियों को आगामी वर्ष 2021 के लिए स्वच्छता संकल्प दिलाते हुए कहा कि 'हमें ये संकल्प लेना चाहिए कि हम कचरा फैलाएंगे ही नहीं. हमें देश को single use plastic से मुक्त करना ही है. ये भी 2021 के संकल्पों में से एक है.'

2). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बताया कि उन्हें विशाखापट्टनम से वेंकेट मुरलीप्रसाद जी ने जो लिखा है, उसमें उन्होंने ABC  – #AatmaNirbharBharat चार्ट साझा किया. पीएम मोदी ने उनकी सराहना करते हुए उनके संदेश से देशवासियों को रूबरू करवाया और कहा कि Zero effect, zero defect की सोच के साथ काम करने का ये उचित समय है.

3). वोकल फॉर लोकल का मैसेज देते हुए उन्होंने कहा कि 'मैं देश के manufacturers और industry leaders से आग्रह करता हूँ: देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है. Vocal for Local ये आज घर-घर में गूँज रहा है. ऐसे में, अब, यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे products विश्वस्तरीय हों. साथियों, हमें #Vocal4Local की भावना को बनाये रखना है, बचाए रखना है, और बढ़ाते ही रहना है. आप हर साल new year resolutions लेते हैं, इस बार एक resolution अपने देश के लिए भी जरुर लेना है.'

4). इसके अलावा पीएम ने कोरोना वॉरियर्स की सराहना की और कहा कि 'अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है. जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है.'

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5). उन्होंने कहा कि 'हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है. आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था. अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें. लेकिन, हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई. दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊँची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए.'

6). PM Modi ने कहा कि 'आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माता जी – माता गुजरी ने भी शहादत दी थी. लोग, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के लोगों के द्वारा दी गयी शहादत को बड़ी भावपूर्ण अवस्था में याद करते हैं. इस शहादत ने संपूर्ण मानवता को, देश को, नई सीख दी.'

7). प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मेरे प्यारे देशवासियों, अब मैं एक ऐसी बात बताने जा रहा हूँ, जिससे आपको आनंद भी आएगा और गर्व भी होगा. भारत (India) में Leopards यानी तेंदुओं की संख्या में, 2014 से 2018 के बीच, 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. 2014 में, देश में, leopards की संख्या लगभग 7,900 थी, वहीँ 2019 में, इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी. देश के अधिकतर राज्यों में, विशेषकर मध्य भारत में, तेंदुओं की संख्या बढ़ी है. तेंदुए की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में, मध्यप्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं, यह एक बड़ी उपलब्धि है. देश के सम्मान में सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया है. मैंने देश में आशा का एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है. चुनौतियां खूब आई, संकट भी अनेक आए. कोरोना के कारण दुनिया में Supply Chain को लेकर अनेक बाधाएं भी आई, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए. पिछले कुछ सालों में, भारत में शेरों की आबादी बढ़ी है, बाघों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, साथ ही, भारतीय वनक्षेत्र में भी इजाफा हुआ है. इसकी वजह ये है कि सरकार ही नहीं बल्कि बहुत से लोग, civil society, कई संस्थाएँ भी, हमारे पेड़-पौधों और वन्यजीवों के संरक्षण में जुटी हुई हैं.'

8). पीएम मोदी ने बोला कि 'मैंने, तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक ह्रदयस्पर्शी प्रयास के बारे में पढ़ा. आपने भी social media पर इसके visuals देखे होंगे. हम सबने इंसानों वाली wheelchair देखी है, लेकिन, कोयंबटूर की एक बेटी गायत्री ने, अपने पिताजी के साथ, एक पीड़ित dog के लिए wheelchair बना दी. ये संवेदनशीलता, प्रेरणा देने वाली है, और, ये तभी हो सकता है, जब व्यक्ति हर जीव के प्रति, दया और करुणा से भरा हुआ हो. कर्नाटका के युवा brigade की प्रेरणादायक कहानी जिन्होंने श्रीरंगपट्न (Srirangapatna) के पास स्थित वीरभद्र स्वामी नाम के एक प्राचीन शिवमंदिर का कायाकल्प कर दिया.'

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9). नरेंद्र मोदी ने बताया कि 'एक दिन, कुछ पर्यटकों ने इस भूले-बिसरे मंदिर का एक video social media पर post कर दिया. युवा brigade ने जब इस वीडियो को social media पर देखा तो उनसे रहा नहीं गया और फिर, इस टीम ने मिलजुल कर इसका जीर्णोद्धार करने का फैसला किया. 'ये सभी युवा कई अलग तरह के profession से जुड़े हुए हैं. ऐसे में इन्होंने weekends के दौरान समय निकाला और मंदिर के लिए कार्य किया. युवाओं ने मंदिर में दरवाजा लगवाने के साथ-साथ बिजली का connection भी लगवाया. आपको यह जानकर खुशी होगी कि कश्मीरी केसर को GI Tag का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे launch किया गया. अगली बार जब आप केसर को खरीदने का मन बनायें, तो कश्मीर का ही केसर खरीदने की सोचें.'

10). उन्होंने कहा कि 'गीता, हमें, हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ क्यों है ? वो इसलिए क्योंकि ये स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की ही वाणी है. लेकिन गीता की विशिष्टता ये भी है कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है, प्रश्न से शुरू होती है. गीता की ही तरह, हमारी संस्कृति में जितना भी ज्ञान है, सब, जिज्ञासा से ही शुरू होता है. वेदांत का तो पहला मंत्र ही है – ‘अथातो ब्रह्म जिज्ञासा’ अर्थात, आओ हम ब्रह्म की जिज्ञासा करें. जिज्ञासा की ऐसी ही उर्जा का एक उदाहरण मुझे पता चला, तमिलनाडु के बुजुर्ग श्री टी श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी के बारे में.. दरअसल, श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी संस्कृत और तमिल के विद्वान हैं. वो अब तक करीब 16 आध्यात्मिक ग्रन्थ भी लिख चुके हैं. लेकिन, Computer आने के बाद उन्हें जब लगा कि अब तो किताब लिखने और प्रिंट होने का तरीका बदल गया है, तो उन्होंने, 86 साल की उम्र में, computer सीखा.'

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11). प्रधानमंत्री ने कहा कि 'कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो लगातार कुछ-न-कुछ नया करते रहते हैं, नए-नए संकल्पों को सिद्ध क्रेते रहते हैं. आपने भी अपने जीवन में महसूस किया होगा, जब हम समाज के लिए कुछ करते हैं तो बहुत कुछ करने की उर्जा समाज हमें खुद ही देता है. गुरुग्राम के प्रदीप सांगवान 2016 से Healing Himalayas नाम से अभियान चला रहे हैं. वो अपनी टीम और volunteers के साथ हिमालय के अलग-अलग इलाकों में जाते हैं, और जो प्लास्टिक कचरा टूरिस्ट वहां छोड़कर जाते हैं, वो साफ करते हैं. इसी तरह कर्नाटक के एक युवा दंपति हैं, अनुदीप और मिनुषा.. आप जानकर हैरान रह जाएंगे. इन लोगों ने मिलकर सोमेश्वर beach से 800 किलो से ज्यादा कचरा साफ किया है.'

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