नई दिल्ली: पाकिस्तान के लिए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का दर्द फिर छलका है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच शांति का पुल है. जब तक ये शांति का पुल नहीं बनेगा हम हटने वाले नहीं हैं.
जम्मू-कश्मीर में केंद्र का विरोध
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सिर्फ उनकी पार्टी ही केंद्र का विरोध कर रही है. दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में महबूबा ने कहा कि केंद्र पीडीपी के नेताओं को ‘कुछ देने की पेशकश करके’ या एजेंसियों का धौंस दिखा उन्हें डराकर पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहा है.
पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘अगर आप विरोध करना बंद कर देंगे तो आप का अस्तित्व नहीं रहेगा. अगर हमें रहना है तो पीडीपी को केंद्र सरकार के सामने उस तरह से खड़ा होना होगा जैसा वह अभी है. पीडीपी एकमात्र ऐसी पार्टी है जो केंद्र सरकार के कदमों का विरोध कर रही है इसलिए उन्होंने कुछ नेताओं को कुछ देने की पेशकश करके या एनआईए, ईडी जैसी एजेंसियों का डर दिखाकर पार्टी को तोड़ने की कोशिश की.’
महबूबा ने कहा कि पीडीपी एक पार्टी नहीं है बल्कि यह एक आंदोलन, एक विचाधारा है और भाजपा इसे तोड़ नहीं सकती है. उन्होंने कहा, ‘पीडीपी जम्मू-कश्मीर के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अस्तित्व में आई है. हम तब तक इस राह को नहीं छोड़ेंगे जब तक जम्मू-कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का पुल नहीं बन जाता है.’
महबूबा की राजनीति समझिए
चलिए महबूबा मुफ्ती की राजनीति समझना चाहिए. उन्होंने पत्थरबाजी का समर्थन किया, आतंकियों का बचाव किया, सुरक्षा बलों पर सवाल उठाया, 370 हटने का विरोध किया, पाकिस्तान के प्रति प्रेम जाहिर किया, तिरंगे का अपमान किया, गुपकार ग्रुप बनाया, लगातार भारत विरोधी बयान दिया.
महबूबा लगातार देश विरोधी बयान देती रही है. अब आपको महबूबा के ऐसे ही कुछ बयानों के बारे में बताते हैं.
28 जुलाई 2021 को उन्होंने कहा कि '370 हटाना जम्मू-कश्मीर के साथ बेइज्जती है'
16 नवंबर 2020 को उन्होंने कहा केंद्र सरकार मुस्लिम बहुल इलाकों से मुसलमानों को बाहर कर रही है.
9 नवंबर 2020 को महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'युवाओं को नौकरी नहीं इसीलिए हथियार उठाते हैं.'
23 अक्टूबर 2020 को पीडीपी चीफ ने कहा 'जम्मू-कश्मीर का झंडा ही मेरा अपना झंडा है.'
14 अक्टूबर 2020 को उन्होंने '370 हटने के काले दिन को भूल नहीं सकती है.'
जनवरी 2019 को महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'स्थानीय आतंकी इसी धरती के बेटे हैं.'
22 अप्रैल 2019 को उन्होंने बोला कि 'पाकिस्तान ने परमाणु बम ईद के लिए नहीं रखा है.'
25 फरवरी 2019 को महबूबा ने कहा कि '35 A से छेड़छाड़ हुई तो कश्मीर के लोग दूसरा झंडा उठाने को मजबूर हो जाएंगे.'
भारत के खिलाफ बार-बार जहर उगलने वाली जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान राग को अपना बनाया है. वो बार-बार पाकिस्तान की वकालत करती हैं.
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