चित्रकूट जेल में मारा गया मेराज बाहुबली धनंजय का था करीबी, बजरंगी की मौत से पहले ही बदला था पाला

मेराज की मौत के बाद खबरें आईं थी कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी का वह करीबी था, लेकिन अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है.  

Written by - Tushar Srivastava | Last Updated : May 17, 2021, 07:38 PM IST
  • शुक्रवार को मेराज की हुई थी हत्या
  • पुलिस कर रही है मामले की जांच
चित्रकूट जेल में मारा गया मेराज बाहुबली धनंजय का था करीबी, बजरंगी की मौत से पहले ही बदला था पाला

लखनऊः यूपी के चित्रकूट जेल में हुए तिहरे हत्याकांड मामले में अभी तक पुलिस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. लेकिन इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है कि इस हत्याकांड में मरने वाला मेराजुद्दीन पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह के भी काफी करीब था. मेराज की मौत के बाद मीडिया में खबरें आईं थी कि मेराज मुख्तार अंसारी का बहुत करीबी है. लेकिन अब एक और कहानी का पता चला है.

धनंजय सिंह की गैंग को किया था ज्वाइन
सूत्रों का कहना है की मुन्ना बजरंगी के मरने से कुछ दिन पहले ही मेराज ने पाला बदलकर धनंजय सिंह के गैंग को ज्वाइन  कर लिया था. वह धनंजय सिंह के लिए काम करने लगा था. यही वजह है कि मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने बजरंगी के हत्याकांड के बाद दिए गए अपने बयान में मेराज को भी आरोपी बनाया था.

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कृष्णानंद राय की हत्या में भी आया था नाम
गाजीपुर के रहने वाले बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की 2005 में हुई हत्या ने पूर्वांचल के साथ ही पूरे यूपी और देश को हिला कर रख दिया था. इस हत्याकांड को दिनदहाड़े जिस तरह से अंजाम दिया गया था उसे देखकर सभी की रूह कांप गई थी. बताते हैं कि अत्याधुनिक हथियारों से करीब हजारों राउंड फायर किए गए थे. जिसकी वजह से बेहद चुस्त सुरक्षा घेरे में रहने वाले कृष्णानंद राय की जान नहीं बची थी. इस हत्याकांड के बाद दो नाम खूब चर्चा में आए थे. एक था मुन्ना बजरंगी तो दूसरा नाम था मुख्तार अंसारी. कहा जाता है कि मुख्तार के ही इशारे पर मुन्ना ने राय की हत्या की. लेकिन इस हत्याकांड में मेराज का नाम भी सामने आया था.

मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद मेराज का बढ़ा था कद
मूलरूप से गाजीपुर जिले के रहने वाले मेराज का कद मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद बढ़ गया था. बताते हैं कि बजरंगी की मौत के बाद उसकी अपराध की विरासत को संभालने वालों में मेराज का नाम सबसे आगे चल रहा था. इसी बीच मेराज के मुख्तार से भी नजदीकियों के किस्से सामने आए थे. लेकिन मेराज का हश्र भी बजरंगी की तरह की हुआ. बता दें कि बजरंगी की भी हत्या बागपत जेल में ही एक कैदी ने कर दी थी.

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बनारस में किया था सरेंडर
मेराज ने पिछले साल ही बनारस में सरेडर किया था. उसपर आरोप था कि उसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई हथियार जुटाए थे. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि 20 मार्च 2021 को वाराणसी जेल से चित्रकूट जेल मेराज का ट्रांसफर हुआ था.

पुलिस ने जब्त की थी मेराज की 50 लाख की संपत्ति
मेराज की 50 लाख रुपये मूल्य से ज्यादा की संपत्ति पिछले साल पुलिस ने जब्त की थी. मूल रूप से गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाना अंतर्गत महेन का निवासी और वाराणसी में पहड़िया क्षेत्र की अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाले मेराज ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर विभिन्न थाना क्षेत्रों से कई शस्त्र लाइसेंस बनवाए गए थे.

चित्रकूट जेल में क्या हुआ
 बताते हैं कि चित्रकूट जेल में अंशु दीक्षित नामक एक बदमाश ने शुक्रवार की सुबह लगभग 10 बजे मुकीम काला और मेराज अली को गोली मार दी. उसने 5 अन्य बंदियों को अपने कब्जे में कर लिया और उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगा. मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे भी गोली मार दी. जेल की भीतर हुए इस तिहरे हत्याकांड की जांच जारी है. 

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