किसानों की आत्महत्या के मामले पर कृषि मंत्री का बड़ा खुलासा, ये राज्य सबसे आगे

नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को संसद में किसानों की आत्महत्या के मामले में बड़ी जानकारी साझा की. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 30, 2021, 09:15 PM IST
  • देश में घटी किसानों की आत्महत्या की संख्या
  • महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले
किसानों की आत्महत्या के मामले पर कृषि मंत्री का बड़ा खुलासा, ये राज्य सबसे आगे

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को संसद में किसानों की आत्महत्या के मामले में बड़ी जानकारी साझा की. 

उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि 2020 में किसानों की खुदकुशी के मामले इससे एक साल पूर्व की तुलना में कम होकर 5,579 हो गए थे.

देश में घटी किसानों की आत्महत्या की संख्या

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए तोमर ने लोकसभा में सुभाष रामराव भामरे, राजीव रंजन सिंह, एंटो एंटनी और दिनेश चंद्र यादव के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एनसीआरबी ने 2020 की अपनी रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या के अलग-अलग कारण नहीं दिये हैं.

उन्होंने कहा कि हालांकि व्यक्तियों (किसानों सहित) द्वारा आत्महत्या के कारणों में‘पारिवारिक समस्याएं, बीमारी, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, विवाह संबंधी मुद्दे, प्रेम प्रसंग, दिवालियापन या ऋणग्रस्तता, परीक्षा में विफलता, बेरोजगारी, व्यावसायिक/कैरियर समस्या और संपत्ति विवाद शामिल हैं.

महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले

कृषि मंत्री तोमर के उत्तर में दिये गये एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में किसानों की खुदकुशी के कुल मामलों में से सबसे अधिक 2,567 मामले महाराष्ट्र से आए थे. इसके अलावा कर्नाटक से 1,072, आंध्र प्रदेश से 564, तेलंगाना से 466, मध्य प्रदेश से 235 और छत्तीसगढ़ से 227 मामले सामने आए.

तोमर ने सदन को यह भी बताया कि सरकार को देश में, विशेष रूप से मध्य प्रदेश में उर्वरक की अनुपलब्धता की वजह से किसानों के आत्महत्या करने संबंधी कोई रिपोर्ट नही मिली है. उन्होंने कहा कि खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को राज्य सरकारें राहत प्रदान करती हैं.

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नरेंद्र सिंह तोमर ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि देश में इस साल अब तक भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं की वजह से करीब 50.40 हेक्टेयर क्षेत्र में जोती हुई फसल प्रभावित हुई है और सर्वाधिक नुकसान कर्नाटक में हुआ है. उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) से 25 नवंबर की तारीख तक करीब 8,873.60 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं.

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