नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज मामले में एक साल की सज़ा, जानें पूरा केस

नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज के मामले में एक साल की सज़ा सुनाई है. इसके साथ ही सिद्धू पर एक हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 19, 2022, 02:55 PM IST
  • जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस एस के कॉल की बेंच का फैसलाट
  • नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ यह मामला क़रीब तीन दशक पुराना है
नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज मामले में एक साल की सज़ा, जानें पूरा केस

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज के मामले में एक साल की सज़ा सुनाई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाख़िल की गई थी. जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस एस के कॉल की बेंच ने इसके साथ ही सिद्धू पर एक हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया है.

तीन दशक पुराना केस
नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ यह मामला क़रीब तीन दशक से भी अधिक पुराना है. सिद्धू पर आरोप था कि वर्ष 1988 में उन्होने पार्किग विवाद को लेकर गुरनाम सिंह नाम के एक व्यक्ति की पिटाई की, पिटाई के चलते बाद में उसकी मौत हो गई. पटियाला के सत्र न्यायालय के जज ने 22 सितंबर, 1999 को सिद्धू और उनके सहयोगी को सुबूतों के अभाव और संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था.

पीड़ित परिवार की अपील
पीड़ित परिवार ने वर्ष 1999 में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अपील दायर की. पंजाब -हरियाणा हाई कोर्ट ने परिजनों की अपील पर फैसला सुनाते हुए सिद्धू को धारा 304 की उपधारा दो के तहत दोषी ठहराया था और ग़ैर-इरादतन हत्या के मामले में तीन साल की क़ैद की सज़ा सुनाई.

स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का अपराध
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ नवजोतसिंह सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपील पर सुनवाई करते हुए 2018 में सिद्धू पर लगे ग़ैर-इरादतन हत्या के आरोप को ख़ारिज कर दिया. लेकिन उन्हें स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के अपराध का दोषी ठहराया गया और उनकी तीन साल की सज़ा को बदलते हुए, उन पर एक हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया.

सिद्धू की सजा को बढ़ाने के लिए पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. जिस पर दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद जस्टिस एएम खानविलकर और संजय किशन कौल की बेंच ने 25 मार्च 2022 को फैसला सुरक्षित रखा लिया था.

सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पहले आदेश का हवाला देते हुए अपने खिलाफ रोड रेज मामले का दायरा बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका का विरोध किया है. जिसमें कहा गया कि रोड रेज (सड़क पर गुस्से में की गई मारपीट) के मामले में इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि पीड़ित की मौत सड़क पर एक झटके से हुई.

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