दिल्ली में जीत के लिए नड्डा का 'सीक्रेट प्लान', जानिए 5 अहम बिंदुओं में

भाजपा के नए अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी 'बोहनी' खराब करना नहीं चाहते. भले अध्यक्ष पद पर उनकी ताजपोशी दिल्ली में चुनाव के चंद ही दिनों पहले हुई है. लेकिन दिल्ली की जंग जीतने के लिए उन्होंने जो सीक्रेट प्लान तैयार किया है. उस पर काफी समय से काम चल रहा है.   

Written by - Anshuman Anand | Last Updated : Jan 21, 2020, 04:16 PM IST
    • दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जेपी नड्डा की खास रणनीति
    • युवाओं पर विशेष तौर पर भरोसा जताया
    • दुष्यंत चौटाला के जरिए जाट वोट साधने की कोशिश
    • मनोज तिवारी के द्वारा पूर्वांचली वोटों में सेंध
    • सुनील यादव के जरिए दिल्ली के स्थानीय मतदाताओं को लुभाने की कोशिश
    • पीएम मोदी के कामों के आधार पर मागेंगे वोट
दिल्ली में जीत के लिए नड्डा का 'सीक्रेट प्लान', जानिए 5 अहम बिंदुओं में

नई दिल्ली: भाजपा की कमान पूरी तरह संभालते ही जेपी नड्डा के सामने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खुद को साबित करने की चुनौती सामने आ गई है. दिल्ली की जंग इतनी आसान भी नहीं है. क्योंकि भाजपा दिल्ली से पिछले 21 साल से सत्ता से बाहर है. 
   लेकिन जेपी नड्डा के लिए यह पहली अग्निपरीक्षा है जिसमें उन्हें सफल होना ही पड़ेगा. अन्यथा नए अध्यक्ष पद पर  उनकी बोहनी(शुरुआत) खराब हो जाएगी. इसलिए नड्डा ने दिल्ली के लिए यह खास प्लान तैयार किया है. 

1. युवाओं पर भरोसा
जेपी नड्डा ने आम आदमी पार्टी से निपटने के लिए युवा और उर्जावान कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की है. खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती देने के लिए दिल्ली प्रदेश के युवा मोर्चा अध्यक्ष सुनील यादव को उतारा है. हरिनगर से भाजपा के पुराने और उर्जावान तेजिंदर पाल सिंह बग्गा मैदान में हैं. मॉडल टाउन से केजरीवाल से बगावत करके आए कपिल मिश्रा ताल ठोंक रहे हैं. अभय वर्मा जैसे युवा लक्ष्मीनगर से उतारे गए हैं. 

ये सभी नाम भाजपा की युवा ब्रिगेड के हिस्से हैं. जिनपर जे.पी नड्डा ने खास तौर पर भरोसा किया है. भाजपा ने युवाओं पर भरोसा करने का फैसला इसलिए भी किया है. क्योंकि आम आदमी पार्टी हो या कांग्रेस किसी ने भी दिल्ली चुनाव में यूथ फैक्टर पर ध्यान नहीं दिया है. भाजपा को युवाओं के समर्थन का सकारात्मक नतीजा मिल सकता है.   

2. स्थानीय और पूर्वांचली मतदाताओं का गठजोड़ तैयार करना
दिल्ली में आम तौर पर स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा छाया रहता है. लेकिन नए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस खाई को पाटने का फैसला किया है. उन्होंने जहां सांसद प्रवेश वर्मा और सुनील यादव जैसे दिल्ली के स्थानीय युवाओं को जिम्मेदारी सौंपी है. वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष के रुप में मनोज तिवारी को खुलकर खेलने का मौका दे रहे हैं. 

मनोज तिवारी दिल्ली में मौजूद पूर्वांचली समाज का जाना माना चेहरा हैं. दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की आबादी 25 से 30 प्रतिशत है. जिसका सीधा प्रभाव दिल्ली की 25 विधानसभा सीटों पर दिखाई देता है. 

इसके अलावा अकाली दल सहयोग और पार्टी के सिख चेहरे तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के प्रभाव के कारण दिल्ली के 3.4 फीसदी सिख वोट भाजपा के साथ आने की संभावना है.

इस तरह दिल्ली के स्थानीय जाट, यादव और सिखों के साथ पूर्वांचली वोटों को जुटाने में अगर भाजपा कामयाब हो जाती है तो दिल्ली में जीत का सेहरा नए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सिर पर बंध सकता है.   

3. दुष्यंत चौटाला के जरिए जाट वोट बैंक साधने की कोशिश 
नए अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरियाणा में जेजेपी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को भाजपा के साथ लाने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी. कई दिनों तक खींचतान के बाद आखिरकार दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पाकर संतुष्ट हुए. हरियाणा में जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का काम पूरी तरह नड्डा के ही निर्देशन में हुआ था. लेकिन इसके पीछे नए भाजपा अध्यक्ष की दूरगामी सोच थी. 

दरअसल दुष्यंत चौटाला आज की तारीख में जाट राजनीति का सबसे भरोसेमंद और युवा चेहरा हैं. जाट वोटरों का अच्छा खासा प्रभाव दिल्ली के हरियाणा से सटे इलाकों पर दिखाई देता है. ऐसे में दुष्यंत चौटाला का प्रभाव दिल्ली में भाजपा के लिए सत्ता का द्वार खोल सकता है.  

4. पीएम मोदी की छवि भुनाने की कोशिश 
जेपी नड्डा ने पिछली बार की गलती से सबक लेते हुए दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी खास चेहरे को नहीं उतारने का फैसला किया है. पिछली बार भाजपा ने दिल्ली की पूर्व पुलिस कमिश्नर किरण बेदी को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा था. जिसका नतीजा ये रहा कि भाजपा मात्र 3 सीटों पर सिमटकर रह गई.

इसीलिए भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी पीएम मोदी की छवि को आगे रखकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. क्योंकि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है. यहां से ही केन्द्र की सरकार संचालित होती है. ऐसे में पीएम मोदी की छवि को भुनाने के लिए दिल्ली के बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है. 

5. जबरदस्त चुनाव प्रचार 
जेपी नड्डा की योजना के मुताबिक दिल्ली में भाजपा अपने 100 बड़े नेताओं को प्रचार में उतारेगी. प्रचार के लिए 5 हजार से ज्यादा जन सभाएं की जाएंगी. भाजपा नेताओं ने तय किया है कि वह प्रतिदिन दिल्ली में 250 से ज्यादा सभाएं करेंगे. इसके लिए खास रणनीति तैयार की गई है. इसके लिए भाजपा बकायदा नेताओं का रोस्टर तैयार करके ये तय कर रही है कि कहां की सभा में कौन सा नेता जाएगा. 

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