जमशेदपुर. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की सत्ता में आती है, तो राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू किया जाएगा. दास ने यह भी दावा किया कि उन्होंने 2018 में, ‘झारखंड के आदिवासी बहुल संथाल परगना क्षेत्र, विशेष रूप से पाकुड़ और साहिबगंज जिलों की तेजी से बदलती जनसांख्यिकी’ के मद्देनजर राज्य में एनआरसी लागू करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था. उन्होंने आरोप लगाया, ‘बांग्लादेशियों की बड़े पैमाने पर घुसपैठ क्षेत्र के निवासियों के लिए एक बड़ी चिंता और खतरा बन गई है... पड़ोसी देश के इन अवैध प्रवासियों ने स्थानीय महिलाओं से शादी की है और क्षेत्र में हजारों एकड़ जमीन हासिल कर ली है.’
...तो लागू करेंगे NRC
उन्होंने कहा कि गोड्डा, देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़ जिलों सहित संथाल परगना क्षेत्र में ‘तेजी से बदलती जनसांख्यिकी’ का मुद्दा पहले ही संसद में उठाया जा चुका है. उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2018 में मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मैंने केंद्र सरकार से एनआरसी लागू करने का अनुरोध किया, क्योंकि स्थिति चिंता का विषय बन गई थी. अगर भाजपा 2024 के राज्य विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आती है, तो एनआरसी लागू किया जाएगा.’
5 साल तक सीएम रहे रघुबर दास
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दास 2014 और 2019 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘पड़ोसी देश के घुसपैठिये के मुद्दे को हल करने के लिए कोई कार्रवाई शुरू नहीं करने’ का भी आरोप लगाया. दास ने आरोप लगाया, ‘हेमंत सोरेन सरकार तुष्टिकरण की नीति अपना रही है और वोट बैंक के लिए झामुमो सरकार द्वारा घुसपैठियों को संरक्षण दिया जा रहा है.’
क्या बोला सत्ताधारी दल
दास के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए झामुमो के प्रवक्ता मोहन कर्मकार ने कहा, ‘अगर बांग्लादेशी अवैध रूप से देश में प्रवेश कर रहे हैं, तो केंद्र सरकार को ऐसी घुसपैठ को रोकने के लिए सीमाओं पर निगरानी रखनी चाहिए. यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी नहीं है.’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन वह ‘जाति, पंथ और धर्म के आधार पर समाज में विभाजन पैदा करती है.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा हमेशा चुनाव से पहले जीत के लिए हिंदुत्व कार्ड खेलती है. उनके पास कोई एजेंडा नहीं है, लेकिन वे झारखंड सहित गैर-भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर करने में लगे हुए हैं.’ शुक्रवार को पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बारे में एक सवाल पर दास ने कहा कि इसका ‘राष्ट्रीय राजनीति या झारखंड की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.’
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