अपने ही इलाके में कम हुआ ओम प्रकाश राजभर का प्रभाव, क्या बचा पाएंगे अपनी सीट?

योगी सरकार में मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर को लेकर उनके ही इलाके में क्या माहौल है? इस बार राजभर जहूराबाद विधानसभा से अपनी सीट नहीं बचा पाएंगे, ऐसा उनके ही क्षेत्र के लोगों का मानना है. ज़ी हिन्दुस्तान की टीम ने ग्राउंड ज़ीरो पर पड़ताल की और लोगों का नब्ज टटोलने की कोशिश की.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Nov 22, 2021, 07:42 PM IST
  • यूपी के चुनाव में राजभर का कितना असर?
  • क्या अपनी ही सीट गवां देंगे ओम प्रकाश?
अपने ही इलाके में कम हुआ ओम प्रकाश राजभर का प्रभाव, क्या बचा पाएंगे अपनी सीट?

गाज़ीपुर: Ground Report- उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) पर हर किसी की निगाहें टिकी हुई हैं. अलग-अलग जगहों पर राजभर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, लेकिन उनके अपने ही विधानसभा क्षेत्र में उनके खिलाफ माहौल बन गया है. कहीं ओम प्रकाश राजभर को उनका ओवर कॉन्फिडेंस ले ना डूबे.

बिगड़ने लगा है राजभर का माहौल

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर जिस जहूराबाद विधानसभा से विधायक हैं, वहां उनके खिलाफ ऐसा माहौल बना हुआ है कि खुद राजभर की सिट्टी पिट्टी गुम हो जाएगी. ज़ी हिन्दुस्तान की टीम ने गाज़ीपुर के जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र की जमीनी हकीकत समझने के लिए कई गांव का दौरा किया. हमारी पड़ताल में जो सामने आया वो अखिलेश यादव को भी चिंतन करने पर मजबूर कर देगा.

जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र के अंतरगत एक मार्केट है, जिसे दुबिहा मोड़ के नाम से जाना जाता है. जब हम वहां पहुंचे तो हमने देखा कि गांव की चट्टी पर कुछ नेता मजमा लगा कर खड़े थे. किसी ने हरे और लाल रंग का गमछा धारण किया हुआ था, तो किसी ने पीले रंग का गमछा कंधे पर रखा हुआ था. हमने भी सोचा, इन लोगों से जरा बातचीत की जाए और पूछा जाए कि आपके विधानसभा क्या माहौल है?

पहनावे से तो हमें ये समझ आ चुका था कि ये सारे नेता अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से जुड़े होंगे. फिर भी हमने उनसे पूछा कि आप लोग के गांव में किस पार्टी का भौकाल है? खुद को समाजवादी पार्टी का जिला उपाध्यक्ष बताने वाले विश्राम यादव ने अखिलेश यादव की तारीफ में कसीदे पढ़ना शुरू कर दिया.

पलटी मारते रहते हैं ओम प्रकाश राजभर

गांव की चट्टी पर जहां सारे नेता ओम प्रकाश राजभर और अखिलेश यादव की तारीफ करने में लगे हुए थे, वहीं उनके पास खड़ी आम पब्लिक ने उन्हें करारा जवाब दे दिया. राजू सोनी नाम के एक व्यक्ति से जब हमने पूछा कि इस बार जहूराबाद में किस पार्टी का भौकाल देखने को मिलेगा? राजू ने सीधे शब्दों में कह दिया कि वर्तमान योगी सरकार का माहौल बिल्कुल ठीक है.

हमने राजू से तुरंत पूछ लिया कि आपके विधायक तो ओम प्रकाश राजभर हैं, उनके साथ आप नहीं हैं क्या? इस पर राजू ने झट से बोला कि 'वो पलटी मारते रहते हैं, उनका क्या भरोसा है.'

राजू के इस प्रहार के बाद हमने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता मुरलीधर सिंह से जवाब मांगा. हमने पूछा कि यहां मौजूद पब्लिक तो आपको खारिज कर रही है और जनता का मानना है कि ओम प्रकाश पलटी मारते रहते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि 'जिसको जो कहना है वो कहे, हम झगड़ा तो करेंगे नहीं, लेकिन ओम प्रकाश राजभर ने जनता के लिए पलटी मारी है.' वहां मौजूद अलग-अलग नेता अलग-अलग तरह से अपनी सफाई पेश करने लगे.

क्षेत्र में खराब हो गया है ओम प्रकाश का माहौल

जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र के ही लट्ठूडीह गांव में ज़ी हिन्दुस्तान की टीम पहुंची. गांव में जाकर हमें पता चला कि पिछले साढ़े 4 वर्षों में विधायक ओम प्रकाश राजभर झांकने तक नहीं आए हैं. गांव में आम लोगों से हमने बात की और उनसे पूछा कि क्या ओम प्रकाश राजभर की वापसी होगी?

गांव के एक झोपड़ी के बाहर कुछ लोग सुबह-सुबह बैठ कर बातचीत कर रहे थे. हम भी पहुंच गए और उनसे बात की. सिर पर टोपी और आंखों पर काला चश्मा लगाए हुए एक बुजुर्ग ने अपना नाम अवध बिहारी राय बताया. हमने सीधा सवाल पूछा कि इस बार ओम प्रकाश राजभर का भौकाल टाइट रहेगा?

अवध बिहारी ने तुरंत बोला कि बिल्कुल नहीं, कतई नहीं.. इस पर हमने भी पूछ लिया कि आखिर आप ऐसा क्यों बोल रहे हैं? गुस्से में नजर आ रहे अवध बिहारी ने बोला कि 'क्योंकि ओम प्रकाश बहुत घमंडी हैं. उन्होंने सरकार को धोखा दिया है. वो चाहते थे कि पूरे प्रदेश में सिर्फ वही एक नेता रहे. दूसरा कोई हमारे आगे ना रहे.'

राजभर को भला बुरा कहने लगे गांव के लोग

रवि राय नाम के एक युवक तो ओम प्रकाश राजभर का नाम सुनते ही भड़क गए. रवि ने बोला कि यूपी की राजनीति में उतना बड़ा बदतमीज नेता कोई नहीं है. उन्होंने सवर्ण समाज के खिलाफ काम किया है, इस बार उन्हें सवर्ण समाज सबक सिखाने का काम करेगा. उन्हें हमारे क्षेत्र की जनता ढूंढ रही है. रवि राय ने तो ये तक दावा कर दिया कि इस बार के चुनाव में ओम प्रकाश राजभर 100 वोट भी नहीं पाएंगे.

सुनने में हमें भी थोड़ा अटपटा लगा कि कमल को नकारने के बाद अखिलेश यादव की साइकिल पर सवार होने वाले ओम प्रकाश राजभर की मुसीबत इतनी बढ़ सकती है. ऐसे में हमने अलग-अलग गांव में जाकर ये जानने की कोशिश की कि वाकई में ओम प्रकाश राजभर से पब्लिक नाराज है या उनकी वापसी करने की तैयारी कर रही है.

अलग-अलग गांव में जब हमने लोगों से पूछा तो हर किसी ने यही कहा कि वो बड़े नेता बनने के चक्कर में अपने ही क्षेत्र वो भूल चुके हैं. जिस विधानसभा से चुनाव जीत कर वो मंत्री बने थे, उसी क्षेत्र में दोबारा झांकने नहीं आते हैं.

वैसे तो ओम प्रकाश राजभर बार-बार ये कह रहे हैं कि इस बार योगी आदित्यनाथ की सरकार को अखिलेश के साथ मिलकर वो खदेड़ देंगे, लेकिन जमीन पर कुछ और ही सच्चाई देखने को मिल रही है. जहूराबाद में ओम प्रकाश के सपोर्टर सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर ही दिखाई दिए, जब पब्लिक से हमने सवाल किया तो हर कोई अपने विधायक से काफी नाराज नजर आया.

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