लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस हफ्ते एक महिला की हत्या उसके बेटे ने ही कर दी. पुलिस जांच में पता चला कि पबजी गेम खेलने से रोकने के चलते बेटे ने मां की हत्या कर दी थी. इस वारदात के बाद ऑनलाइन गेम की आदत को लेकर काफी चर्चा हो रही है. इस हत्याकांड में कई खुलासे हो रहे हैं, साथ ही यह तथ्य सामने आया है कि कैसे पबजी ऑनलाइन गेम लखनऊ में युवा आबादी को काफी प्रभावित कर रहा है. साथ ही लखनऊ इसका नया हब बन गया है.
ये पार्क बना अड्डा
पुराने शहर के कश्मीरी मोहल्ले में एक पार्क में गेमिंग के प्रति उत्साही लोग पहुंच जाते हैं. पुलिस का कहना है, "सूर्यास्त के तुरंत बाद, 11 से 40 वर्ष की आयु के गेमर्स का एक बड़ा समूह, बीजीएमआई (बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया) खेलने के लिए पार्क में आता है जो कि पबजी का भारतीय संस्करण है. हम उन्हें कुछ समय से देख रहे हैं."
"सब अपने पसंदीदा कोनों बैठ जाते हैं और गेम खेलने लगते हैं. गोलियों की आवाज, बमबारी, बंदूकों की लोडिंग और अनलोडिंग और दबी चीखें चुप्पी तोड़ती हैं."
क्या है चिंता का सबक
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त चिरंजीव नाथ सिन्हा का कहना है, "मोबाइल फोन पर गेम खेलना कोई अपराध नहीं है और यह तब तक स्वीकार्य है जब तक कि यह दूसरों को प्रभावित न करे. चूंकि अब तक कोई शिकायत नहीं हुई है, इसलिए हम कार्रवाई नहीं कर सकते."
"इन गेमर्स के परिवार के ज्यादातर सदस्य जाहिर तौर पर इस गेम और इसके खतरों से वाकिफ नहीं हैं. वैसे भी परिवार के अधिकांश सदस्यों का मानना है कि उनका बच्चा पार्क में अपने दोस्तों के साथ ऑनलाइन क्लास ले रहा है."
क्या कहते हैं स्थानीय निवासी
स्थानीय निवासी जाहिद बेग का कहना है, "मेरा पोता हर शाम बुनियाद बाग (पार्क ) जाता है, अपने दोस्तों के साथ और वे ऑनलाइन ट्यूशन में भाग लेते हैं. चूंकि हमारा घर छोटा है और बच्चों को माहौल नहीं मिलता है, उन्हें पढ़ाई की आवश्यकता होती है, मैं उन्हें पार्क जाने की अनुमति देता हूं."
पार्क के सामने रहने वाली सायशा कहती हैं, "बच्चे रात 9 बजे तक लौट आते हैं, लेकिन बाकी लोग यहां काफी देर तक रहते हैं. चूंकि वे किसी को परेशान नहीं करते, इसलिए हमने कभी आपत्ति नहीं की."
स्थानीय निवासियों का कहना है, "कभी-कभी पार्क में लगभग 70 व्यक्ति होते हैं जो सभी अपने मोबाइल में व्यस्त रहते हैं."
हैरानी की बात यह है कि अधिकांश स्थानीय निवासी पबजी और उसके परिणामों से पूरी तरह अनजान हैं. उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है कि खेल को एक स्तर से आगे खेलने के लिए पैसे की जरूरत होती है.
खिलाड़ी क्या बोले
पार्क के खिलाड़ियों में से एक जहीर का कहना है, "वह अपने परिवार से पैसे नहीं मांगता. मैं स्थानीय दुकानदारों के लिए काम करता हूं, पड़ोसियों के लिए काम करता हूं और अपने गेमिंग शौक के लिए पैसे कमाता हूं."
इस बीच, उनके माता-पिता खुश हैं कि उनका 15 वर्षीय बेटा पार्क में अपने स्कूल के साथियों के साथ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
एक निवासी ने कहा, "पार्क भीड़भाड़ वाले इलाके के ठीक बीच में है और लोग यहां आने लगे. वे धीरे-धीरे खेल से जुड़ गए और अब यह एक खचाखच भरा घर बन गया है."
गेमर्स, हालांकि, यह मानने से इनकार करते हैं कि गेम खिलाड़ियों को अपराध के लिए उकसाता है. 12 वर्षीय अधीर कहते हैं, "हाल ही में हुई घटना जिसमें लड़के ने अपनी मां को मार डाला, एक अपवाद है. लाखों लोग गेम खेलते हैं और हर कोई लोगों की हत्या नहीं करता."
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