नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का संकट और प्रकोप लगातार बढ़ रहा है लेकिन देश पूरी तरह अनलॉक हो चुका है. इस बीच सरकारी गहमागहमी भी बढ़ गयी हैं. केंद्र सरकार की ओर से संकेत दिए गए हैं कि अगले महीने के दूसरे सप्ताह से मानसून सत्र की शुरुआत हो सकती है. हालांकि अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है.
विपक्ष के कुछ सांसद मांग कर रहे हैं कि इस बार वर्चुअल तरीके से संसद चलाई जाए.
11 अध्यादेश पास करवाना मोदी सरकार के लिए चुनौती
पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच तकरार बहुत बढ़ गयी है. कांग्रेस मोदी सरकार को चीन के मुद्दे पर लगातार घेर रही है और गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बता रही है. इस सियासत के बीच मोदी सरकार को अपने महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित अध्यादेश पारित करवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है.
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संसद में विपक्ष करेगा हंगामा
हालांकि केंद्र की भाजपा सरकार के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है और राज्यसभा में भी भाजपा बहुत मजबूत हो चुकी है. मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि संसद को सुचारू रूप से चलाया जा सके. विपक्ष हंगामा करके कार्रवाई बाधित अवश्य करेगा.
ये हैं महत्वपूर्ण अध्यादेश
आपको बता दें कि अध्यादेश जारी होने के 6 महीने के भीतर संसद से पास हो जाना बहुत जरूरी होता है अन्यथा अध्यादेश स्वतः निरस्त मान लिया जाता है. मोदी सरकार को कई अहम अध्यादेश पास करवाने हैं. संसदीय कार्य मंत्रालय से जुड़ा मंत्रियों का वेतन और भत्ते (संशोधन) अध्यादेश जिसे 9 अप्रैल, 2020 को जारी किया गया. ये अध्यादेश मंत्रियों का वेतन और भत्ते एक्ट, 1952 में संशोधन करता है.
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इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय के महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, स्वास्थ्य मंत्रालय के होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश 2020, सरकार ने वित्त मंत्रालय के टैक्सेशन और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020. ये सभी बहुत महत्वपूर्ण अध्यादेश हैं जिन्हें इसी साल कैबिनेट ने मंजूरी दी है.