मुंबई: नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले मजहबी कट्टरपंथियों की करतूत के खिलाफ आवाज बुलंद होनी शुरू हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद जब प्रशासन ही मूक दर्शक बन जाए, तमाशबीन बन जाए तो कोई करे भी तो भला क्या करे? ऐसे ही मजहबी कट्टरपंथियों के खिलाफ मुंबई में आवाज बुलंद की गई, लेकिन कट्टरपंथियों के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में ऐसा लगने लगा है कि नियम-कानून कट्टरपंथियों की जेब में है और कोर्ट के आदेश को ये अपने ठेंगे पर रखते हैं.
कट्टरपंथियों के खिलाफ करिश्मा की आवाज
भले ही सुप्रीम कोर्ट और देश के कानून के नजर में नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले गुनहगार हैं, लेकिन वो खुलेआम हर रोज नियमों को अपनी जेब में रखकर कारिस्तानी करते रहते हैं. ऐसे ही महजबी ठेकेदारों को आईना दिखाने की कोशिश करिश्मा भोसले नाम की एक महिला ने किया. मस्जिदों में होने वाले अज़ान को लाउडस्पीकर पर बजाने वालों से करिश्मा ने नियमों का पालन करने की गुजारिश की तो उन्हें मजहबी कट्टरपंथियों की झड़प का सामना करना पड़ा.
Video देखें-
ये देखो कितने बत्तमीजी से बात कर रहा है मुजसे बोलता है ...
इस्लाम ने कहा. मस्जिद #रजिस्टरड़ है
मै ने कहा क्या #लाउडस्पीकर और उसका #वाल्यूम भी #रजिस्टरड़ है....
मानखुर्द (#महाराष्ट्र) PMG कॉलोनी
मै लढती रही आज मैने आवाज उठाई है .... आप भी आवाज उठाओ.....#Azan बंद करो..... pic.twitter.com/4QjrbPdkVu— Karishma Bhosale (@KarishmaBhosle1) June 27, 2020
इस वीडियो को देखिए और समझिए.. किस प्रकार से अपनी बात प्रेम से रखने पर दबाने की कोशिश की जाती है. हम आपको कोर्ट के नियम और कानून के रूबरू करवाते हैं, लेकिन सबसे पहले आप करिश्मा के साथ-साथ पुलिस के साथ हुई बदसलूकी वाले वीडियो को देखिए.
ये देखो ये लोग पोलिस वालो से कैसा बर्ताव कर रहे है.. और ये महीला देखो कैसे पोलिस वालो को धक्के मार रही है..... प्रशासन इनपर कारवाई कब करेंगे...... और मज्जिद का लाऊडस्पीकर कब बंद करेंगे..
#महाराष्ट्र_पोलिस @CMOMaharashtra @MumbaiPolice pic.twitter.com/HbTCNbSRjI— Karishma Bhosale (@KarishmaBhosle1) June 28, 2020
इस वीडियो को भी करिश्मा ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि "ये देखो ये लोग पुलिसवालों से कैसा बर्ताव कर रहे है. और इस महिला को देखो कैसे पुलिसवाले को धक्के मार रही है. प्रशासन इनपर कारवाई कब करेगी. और मस्जिद का लाऊडस्पीकर कब बंद करेंगे."
इस झड़प के दौरान झुंड में इकट्ठे होकर कट्टरपंथियों ने करिश्मा पर जमकर दबाव डाला, एक महिला ने तो ये तक बोला कि 20 साल से क्यों नहीं दिक्कत हुई. जिसके जवाब में करिश्मा ने कहा कि 20 साल से तकलीफ है आज हिम्मत की है.
#Azan बंद करने का मज्जिद रजिस्टेड है ओ भोंगू नही..... pic.twitter.com/wgIttCTTYi
— Karishma Bhosale (@KarishmaBhosle1) June 27, 2020
अब आपको कानून के अनुसार किन-किन नियमों का पालन करना आवश्यक है और पालन न करने पर दंड का क्या प्रावधान है इसकी जानकारी दे देते हैं.
क्या हैं नियम और कानून?
आपको बता दें, पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 के तहत आने वाले ध्वनि प्रदूषण (अधिनियम और नियंत्रण) कानून, 2000 की 5वीं धारा सार्वजनिक स्थानों पर बजने वाले ध्वनि यंत्रों और लाउडस्पीकर को मनमाने तरीके से बजाने को लेकर पाबंदी लगाता है. आपको इसकी तफसील से जानकारी दे देते हैं.
सार्वजनिक स्थान पर लाउडस्पीकर या कोई भी ध्वनि यंत्र बजाने के लिए स्थानीय प्रशासन से लिखित तौर पर इजाज़त लेनी आवश्यक होगी.
सार्वजनिक स्थानों पर रात में लाउडस्पीकर और ध्वनि यंत्र नहीं बजाए जा सकते हैं. नियमों के मुताबिक रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और ध्वनि यंत्र बजाने पर रोक है. हालांकि कम्युनिटी सेंटर, कॉन्फ्रेंस रूम और ऑडिटोरियम जैसे बंद कमरों या हॉल में ध्वनि यंत्र बजाया जा सकता है.
उपधारा (2) के मुताबिक, राज्य सरकार इस मामले में कुछ विशेष रियायतें प्रदान कर सकती है. विशेष कार्यक्रमों के दौरान लाउडस्पीकर या सार्वजनिक स्थलों पर ध्वनि यंत्रों के लिए विशेष इजाज़त के तहत दो घंटे का समय बढ़ाकर 12 बजे तक दिया सकती है. राज्य सरकार के पास कई अन्य अधिकार भी होते हैं. कई जगहों को शांति जोन घोषित करके कई तरह कार्यक्रमों पर रोक भी लगाया जा सकता है.
करिश्मा ने नियम का पालन करे की बात कही
अब आप यहां करिश्मा की दलील को समझिए, जिसके लिए उन्होंने अपनी आवाज को बुलंद किया और लोगों से ये गुशारिश करते हुए अपनी बात रखी. लेकिन सुनवाई नहीं होने पर करिश्मा ने आरोप लगाते हुए ट्विटर पर लिखा कि "लाउडस्पीकर बहाना है, ये लोग जनता को परेशान करना चाहते है. जबकि लाउडस्पीकर 1930 में मस्जिद में अजान देना शुरू हुआ है. जब सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर है कि सुबह 6 से रात 10 बजे तक स्पीकर बजा सकते हो. ये लोग 4 बज से हमें परेशान क्यों करते है?
करिश्मा की बात सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए बिल्कुल सही है. लेकिन यहां ये समझने की आवश्यकता है कि ऐसी समस्याओं का सामना सिर्फ एक करिश्मा को नहीं बल्कि पूरे देशभर के लोगों को करना पड़ रहा है. मजहबी ठेकेदार कानून की धज्जियां उड़ाते रहते हैं. और प्रशासन शांत बैठी रहती है. ऐसा हम यूं ही नहीं बोल रहे हैं. इस नियम का उल्लंघन करने पर दंड का भी प्रावधान है, लेकिन मस्जिदों में हर रोज ऐसी करतूत की जाती है, जो कानून के खिलाफ है. लेकिन कार्रवाई नहीं होती, आप खुद ही देख लीजिए दंड का प्रावधान क्या है?
उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान
पर्यावरण (संरक्षण) 1986 कानून की धारा 15 के तहत इसका उल्लघंन करने पर दंड का भी प्रावधान है. नियमों को तोड़ने पर 5 साल की कैद या 1 लाख रुपये का जुर्माना या फिर दोनों सजा दी जा सकती है.
विधायक ने दी घर बदलने की नसीहत
इस महिला यानी करिश्मा ने मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज कम करने की अपील की थी, लेकिन उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ा. अपनी पीड़ा लेकर उसने विधायक के पास भी मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद उल्टे MLA साहेब ने उसे घर बदल लेने की नसीहत दे डाली.
Even the MLA has spoken this way..he is asking us to leave this residence if we cant bear the high
volume of azaan..who shall we rely upon then.. ......#Azan_Ban ..... pic.twitter.com/cGNHBmR0Bs— Karishma Bhosale (@KarishmaBhosle1) June 27, 2020
आपको एक और वीडियो देखना चाहिए, जिसमें एक मजहबी कट्टरपंथी महिला बदतमीजी से पेश आती दिख रही है. उस महिला की बदतमीजी का जवाब करिश्मा ने भी दिया.
इस्लाम ने कहा. मस्जिद #रजिस्टरड़ है
मै ने कहा क्या #लाउडस्पीकर और उसका #वाल्यूम भी #रजिस्टरड़ है....
मानखुर्द (#महाराष्ट्र) PMG कॉलोनी
मै लढती रही आज मैने आवाज उठाई है .... आप भी आवाज उठाओ.....#Azan बंद करो..... pic.twitter.com/XmnmftkSmk— Karishma Bhosale (@KarishmaBhosle1) June 27, 2020
करिश्मा को मिलने लगी धमकियां
मजहबी ठेकेदारों की करतूत के खिलाफ करिश्मा भोसले ने आवाज बुलंद की तो उन्हें धमकियां भी मिलने लगी. जिसे लेकर उन्होंने एक ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि "महाराष्ट्र के आमदार अब्बु आजमी @KarishmaBhosle1 को घर छोड़कर जाने को बोल रहा है. ये महाराष्ट्र उसके बाप का है क्या? ये महाराष्ट्र छत्रपती शिवाजी महाराज का है. ये हिन्दुरूदय संम्राट बाळासाहेब ठाकरे जी का है. राजसाहेब ठाकरे जी का है. और मराठा ओ को घर छोडने बोल रहा है."
महाराष्ट्र के आमदार अब्बु आजमी @KarishmaBhosle1 को घर छोडकर जाने को बोल रहा है....
ये महाराष्ट्र उसके बाप का है क्या.. ये महाराष्ट्र छत्रपती शिवाजी महाराज का है. ये हिन्दुरूदय संम्राट बाळासाहेब ठाकरे जी का है... राजसाहेब ठाकरे जी का है... और मराठा ओ को घर छोडने बोल रहा है ये..— Karishma Bhosale (@KarishmaBhosle1) June 28, 2020
यदि पूरे देश में इस्लाम के नाम का हवाला देकर लोगों को परेशान किया जा रहा है तो ऐसा कोई नया माजरा नहीं है. ऐसी हरकतें लगातार देखी जाती रही हैं. निश्चित तौर पर कोर्ट के नियम भी 4 बजे लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं देते हैं. लेकिन जैसा कि हमने आपको बताया मजहबी कट्टरपंथियों को ऐसा लगता है कि नियम उनकी जेब में है. ऐसे में वो इसकी धज्जियां उड़ाते रहते हैं.
करिश्मा के साथ इतनी बदसलूकी के बाद भी प्रशासन ने एक्शन नहीं लिया. वहां अभी भी लाउडस्पीकर पर अज़ान अदा की जा रही है. सिर्फ वहीं क्यों, पूरे देश में ऐसी हरकतों का नजारा देखने को मिल रहा है. लेकिन कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी जिस प्रशासन की है. वो सिर्फ दुर्गापूजा, गणेश चतुर्थी, सरस्वती पूजन और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए ही पहले से एडवाइजरी जारी करके नियमों का पालन करने की बात करता है. उस प्रशासन को मस्जिदों में सुबह 4 बजे होने वाली अजान का लाउडस्पीकर पर बजना गलत नही लगता है.
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