भगत सिंह को बेकसूर साबित करने की याचिका दायर होने का दावा, जानें वायरल वीडियो का सच

वायरल वीडियो में बताया जा रहा है कि इम्तियाज राशिद कुरैशी ने पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जल्द सुनवाई की मांग की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 5, 2021, 02:10 PM IST
  • याचिका में लाहौर षडयंत्र केस को आधार बनाया है
  • FIR उर्दू में है, यह अनारकली थाने में दर्ज हुई थी
भगत सिंह को बेकसूर साबित करने की याचिका दायर होने का दावा, जानें वायरल वीडियो का सच

नई दिल्ली: मैसेजिंग प्लेटफार्म व्हाट्सएप पर पाकिस्तान के एक टीवी चैनल का वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्रांतिकारी भगत सिंह को बेकसूर साबित करने के लिए पाकिस्तान में याचिका दायर की गई है. इस वीडियो में याचिका दायर करने वाले पाकिस्तानी वकील इम्तियाज राशिद कुरैशी से एक न्यूज चैनल के दो एंकर्स बात करने नजर आ रहे हैं. इम्तियाज राशिद कुरैशी पाकिस्तान के भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं. 

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में आखिर दावा क्या है?

भारत में वायरल वीडियो में बताया जा रहा है कि इम्तियाज राशिद कुरैशी ने पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जल्द सुनवाई की मांग की है, और अदालत इस पर राजी भी हो गई है. 

क्या है पूरा मामला

जी हिन्दुस्तान ने जब मामले की पड़ताल की तो पाया कि पाकिस्तान के इस वकील इम्तियाज राशिद कुरैशी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को बेकसूर साबित करने की याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने लाहौर षड्यंत्र केस को आधार बनाया है. इस केस में ही करीब 90 साल पहले 23 मार्च 1931 को भगत सिंह और उनके साथियों को फांसी की सजा दी गई थी. 

सुनवाई के दौरान लाहौर पुलिस ने इस केस की एफआईआर अदालत के सामने पेश की. यह एफआईआर 17 दिसंबर 1928 को दर्ज हुई थी, जिसमें दो अज्ञात बंदूकधारियों का जिक्र है. यह एफआईआर उर्दू में है और लाहौर के अनारकली पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी.

ये है याचिका दायर करने का आधार

कुरैशी के अनुसार, इस केस में अनारकली पुलिस थाने का एक अधिकारी शिकायतकर्ता था. प्राथमिकी में, शिकायतकर्ता-सह-प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि जिस व्यक्ति का उसने पीछा किया वह "5 फीट 5 इंच का था, एक हिंदू जैसा दिखता था, छोटी मूंछें, पतला और मजबूत शरीर था, और सफेद पतलून (पायजामा), ग्रे शर्ट ( कुर्ता) और एक छोटी काली क्रिस्टी जैसी टोपी" पहनी थी.

कुरैशी ने कहा कि भगत सिंह के मामले को देख रहे ट्रिब्यूनल के विशेष न्यायाधीशों ने मामले में 450 गवाहों को सुने बिना ही उन्हें मौत की सजा सुनाई. उन्होंने कहा, "शहीदों के वकीलों को उनसे जिरह करने का भी मौका नहीं दिया. इसलिए वे सॉन्डर्स मामले में भगत सिंह की बेगुनाही साबित करना चाहते हैं."

कुरैशी को उम्मीद है कि अगर पाकिस्तान की अदालत भगत सिंह के खिलाफ फैसले को रद्द कर देती है, तो ब्रिटिश सरकार पर "झूठे मुकदमे" के लिए माफी मांगने के लिए दबाव डाला जा सकता है. 

पर कई साल पुराना है यह वीडियो

जी  हिन्दुस्तान की पड़ताल से पता चला है कि यह पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज का वीडियो है. ये वीडियो कई साल पुराना है. आपको बता दें कि भगत सिंह को बेकसूर साबित करने संबंधी याचिका दायर होने संबंधी खबरें Zee Media समूह समेत कई प्लेटफॉर्म पर 2016 से 2018 के बीच आई थीं. तब से इस मामले में कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई है. यानी वीडियो तो सही है, लेकिन वर्तमान में इसका कोई संदर्भ नहीं है.

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