नई दिल्ली. 1975 में देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगाया गया था. इमरजेंसी की बरसी पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन में आपातकाल पर प्रस्ताव पढ़ा. उन्होंने कहा- ये सदन 1975 में देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है. इसके साथ ही हम उन सभी लोगों की संकल्प शक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया. भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के उस दिन को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा.
ओम बिड़ला ने कहा-भारत की पहचान पूरी दुनिया में 'लोकतंत्र की जननी' के तौर पर है. भारत में हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-संवाद का संवर्धन हुआ, हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा की गई, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया. ऐसे भारत पर श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोप दी गई. आपातकाल (इमरजेंसी) लगाने के बाद उस समय की कांग्रेस सरकार ने कई ऐसे निर्णय किए, जिन्होंने हमारे संविधान की भावना को कुचलने का काम किया. क्रूर और निर्दयी मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) में बदलाव करके कांग्रेस पार्टी द्वारा ये सुनिश्चित किया गया कि हमारी अदालतें मीसा के तहत गिरफ्तार लोगों को न्याय नहीं दे पाएं. इमरजेंसी अपने साथ ऐसी असामाजिक और तानाशाही की भावना से भरी भयंकर कुनीतियां लेकर आई, जिसने गरीबों, दलितों और वंचितों का जीवन तबाह कर दिया. इमरजेंसी के दौरान लोगों को कांग्रेस सरकार द्वारा जबरन थोपी गई अनिवार्य नसबंदी का, शहरों में अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई मनमानी का और सरकार की कुनीतियों का प्रहार झेलना पड़ा। ये सदन उन सभी लोगों के प्रति संवेदना जताना चाहता है.
"भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के दिन को काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा।"
सदन में 1975 में देश में आपात काल लगाए जाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निन्दा की। साथ ही उन सभी लोगों की संकल्प शक्ति की सराहना की जिन्होंने इमरजेंसी का विरोध कर लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। pic.twitter.com/BdaJwhKT9P
— Om Birla (@ombirlakota) June 26, 2024
क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. उन्होंने कहा- मैं प्रसन्न हूं कि सम्मानित अध्यक्ष ने इमरजेंसी की सख्ती से निंदा की है. उन्होंने इमरजेंसी के दौरान हुई ज्यादतियों की याद दिलाई और उन तरीकों का भी जिक्र किया जिनके जरिए लोकतंत्र का गला घोंटा गया. उस दौरान पीड़ा झेलने वाले लोगों के समर्थन में मौन रहकर खड़े रहने का कदम भी सराहनीय है. इमरजेंसी के दौरान हुई घटनाओं ने उदाहरण दिया कि तानाशाही कैसी होती है.
I am glad that the Honourable Speaker strongly condemned the Emergency, highlighted the excesses committed during that time and also mentioned the manner in which democracy was strangled. It was also a wonderful gesture to stand in silence in honour of all those who suffered…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2024
क्या बोले बीजेपी अध्यक्ष नड्डा
वहीं बीजेपी के जेपी नड्डा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के आपातकाल के विरोध में सदन में लाए गए प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि वे बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा निर्मित भारत के संविधान पर कांग्रेस द्वारा किए गए इस कुठाराघात की निंदा करते हैं. नड्डा ने कहा-जिस प्रकार से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने 'तानाशाही बंद करो' जैसा नारा लगाकर लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य में विघ्न डालने का काम किया, वे उसे इस प्रस्ताव के समर्थन की तरह स्वीकार करते हैं.
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