मंत्र के जरिए बड़ी बातें कह जाते हैं PM Modi, जानिए अपने भाषणों में कब-कब किया इस्तेमाल

सोमवार को दिए संबोधन में पीएम मोदी (Pm Modi) ने विश्वासेनः सिद्धि का मंत्र दिया. पीएम मोदी (Pm Modi) का कहने का अर्थ था कि विश्वास से ही सिद्धि संभव है, या विश्वास करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं. श्रीमद् भागवत गीता से निकला और संस्कृत की सूक्ति बन गया यह मंत्र अपने आप में बड़े अर्थ लिए हुए हैं. 

Written by - Vikas Porwal | Last Updated : Jun 7, 2021, 08:52 PM IST
  • अपने कई संबंधनों में पीएम मोदी ने किया है मंत्रों का प्रयोग
  • लोगों तक बात पहुंचाने का अच्छा जरिए बनते हैं मंत्र और सूक्ति
मंत्र के जरिए बड़ी बातें कह जाते हैं PM Modi, जानिए अपने भाषणों में कब-कब किया इस्तेमाल

नई दिल्लीः PM Modi Adresses nation on corona fight: एक बार फिर देश भर की निगाहें घड़ी पर थीं. PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) की ओर से दोपहर को ऐलान किया गया कि सात जून की शाम पांच बजे PM Modi देश को संबोधित करेंगे.

Corona की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी (Pm Modi) एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित करके कुछ जरूरी संदेश देने वाले थे. इसलिए शाम के पांच बजने का इंतजार देशभर ने किया. 

पीएम मोदी की खास बात ने खींचा ध्यान

तय समय पर PM Modi का संबोधन शुरू हुआ और उन्होंने बोलना शुरू किया. वह वैक्सीन पर बोले, वैक्सीन लगने की प्रक्रिया पर बात की, कुछ जरूरी ऐलान भी किए, लेकिन एक खास बात, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, वह था पीएम मोदी (Pm Modi) का दिया मंत्र. उनकी आध्यात्मिक चेतना जो भारत के लोक को एक तंत्र में बांध देती है. 

पीएम मोदी के मंत्र के बड़े अर्थ

सोमवार को दिए संबोधन में पीएम मोदी (Pm Modi) ने विश्वासेनः सिद्धि का मंत्र दिया. पीएम मोदी (Pm Modi) का कहने का अर्थ था कि विश्वास से ही सिद्धि संभव है, या विश्वास करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं. श्रीमद् भागवत गीता से निकला और संस्कृत की सूक्ति बन गया यह मंत्र अपने आप में बड़े अर्थ लिए हुए हैं. 

हमने वैज्ञानिकों पर जताया भरोसा-पीएम मोदी

पीएम मोदी (Pm Modi) ने इसे दो अर्थों में सामने रखा. एक तरफ तो उन्होंने जता दिया कि देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा था कि वह बहुत जल्द वैक्सीन बना लेंगे. यही हुआ भी. यह अपने शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों पर भरोसा करने का ही परिणाम था. 

विरोधियों पर साधा निशाना

दूसरा, उन्होंने इसी के जरिए उन सभी लोगों पर निशाना साधा, खासकर विपक्षी दलों पर या ऐसे और लोगों पर भी जो वैक्सीन को लेकर तमाम भ्रम फैला रहे हैं. पीएम मोदी (Pm Modi) ने उन्हें इशारों में ही समझाते हुए कहा कि आप विश्वास रखेंगे नहीं तो लक्ष्य पाने यानी कि कोरोना को हराने में में सफल कैसे होंगे? अपने खास ऐलान के साथ ही पीएम मोदी (Pm Modi) ने एक छोटी से सूक्ति के साथ राष्ट्र के नाम बड़ा संदेश दिया. 

यानी उन्होंने साफ किया विश्वास रखिए और भ्रम-अफवाह में मत फंसिए. कोरोना हारेगा. 

 

छोटी सूक्तियों में छिपी बड़ी बातें

हालांकि यह पहली दफा नहीं है, जब पीएम मोदी (Pm Modi) ने अपनी बात कहने के लिए धार्मिक दस्तावेजों का सहारा लिया है. जोर डालने पर याद आएगा कि बीते साल 20 अक्टूबर 2020 को भी पीएम मोदी (Pm Modi) ठीक इसी तरह राष्ट्र के नाम संदेश देने आए थे तब उन्होंने महर्षि वाल्मीक के सेवा परमो धर्मः, तुलसीदास की मानस से सेवा ही परम धर्म है और महात्मी कबीर की साखी से एक-एक ध्येय वाक्य लिया था. 

पहले भी पीएम मोदी दे चुके हैं ऐसे संदेश

तब पीएम मोदी (Pm Modi) ने कहा था कि सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे doctors,  nurses, health workers इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं. इन सभी प्रयासों के बीच,  ये समय लापरवाह होने का नहीं है. ये समय ये मान लेने का नहीं है कि Corona चला गया,  या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है.

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कबीर के दोहे से समझाया संयम का महत्व

इसके बाद उन्होंने महात्मा कबीर का दोहा उठाया और कहा कि 
पकी खेती देखिके, गरब किया किसान.
अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान.

Unlock की प्रक्रिया में धैर्य जरूरी

संत कबीर के इस दोहे में झोला का अर्थ है झमेला यानी परेशानी. कबीर के मुताबिक, किसान की फसल पक चुकी है और वह बहुत प्रसन्न है. यहीं से उसे खुद पर गरब यानी गर्व हो जाता है, लेकिन फसल काटकर घर ले जाने तक बहुत सारे झमेले होते हैं.

महात्मा कबीर का कहना है कि जब काम अंजाम तक न पहुंचे तब तक न मानें कि हम सफल हो गए हैं. इसके जरिए पीएम मोदी ने Unlock की प्रक्रिया में लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की थी. 

वैक्सीन कार्यक्रम की शुरुआत भी सूक्ति से

आज से पांच माह पहले यानी 16 जनवरी को जब कोरोना के खिलाफ वैक्सीन प्रोग्राम की शुरुआत की गई तब पीएम मोदी (Pm Modi) ने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए शुरुआत की और कहा,

‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:’ वृहदारण्यक उपनिषद् से लिया गया यह श्लोक का अंश संसार के सभी लोगों के सुखी और उनके निरोगी होने की कामना करता है. 

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मंत्रों के जरिेए लोगों तक जरूरी अपील

पीएम मोदी (Pm Modi) के दिए यह मंत्र लोगों तक जरूरी बातों को पहुंचाने का सटीक जरिया बनते हैं, बल्कि इसके जरिए ही वह बड़ी से बड़ी अपील देशवासियों से कर देते हैं, जिसका असर होता है कि जनता खुद उनकी अपील को अभियान बना देती है.

स्वच्छता अभियान, डिजिटल इंडिया अभियान, मेक इन इंडिया, लोकल फॉर वोकल, आत्मनिर्भर भारत आदि की तरह ही पीएम मोदी (Pm Modi) ने अब वैक्सीन के लिए अपील की है, लोगों की जान बचाने वाली यह अपील वैक्सीन अभियान में तब्दील होती है या नहीं, देखते हैं.

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