नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्वामी विवेकानंद की जयंती की शुभकामनाएं दी और युवाओं को उनके प्रेरक वाकये भी बताए. पीएम मोदी ने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि हमारे युवा राष्ट्र के लिए अपनी भागीदार समझ रहे हैं. यह युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही थी. पीएम ने इसे बेहद खास बताया. इस कार्यक्रम में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल मौजूद रहे.
#WATCH live via ANI: PM Modi interacts with CMs of all states via video conferencing. #COVID19 https://t.co/xyts3FO26b
— ANI (@ANI) January 11, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती का यह दिन हम सभी को प्रेरणा देता है. यह इस बार इसलिए भी विशेष हो गया है क्योंकि इस बार की युवा संसद, संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है. इस हॉल में हमारी आजादी के निर्णय लिए गए.
सरनेम पर चुनाव लड़ने के दिन लद गए
उन्होंने सरकार की नीतियों में युवाओं को तवज्जो का भी जिक्र किया. PM Modi ने कहा कि देश में लागू की गई नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का फोकस बेहतर इंडीविजुअल के निर्माण पर है. यह पॉलिसी युवाओं के कौशल, समझ और फैसले को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. उन्होंने इस मौके पर वंशवाद की राजनीति पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा दुश्मन राजनीतिक वंशवाद है. इसे जड़ से उखाड़ना है. अब सरनेम के सहारे चुनाव लड़ने वालों के दिन लद गए हैं.
Today is an important day as the National Youth Parliament Festival is being held at the Central Hall of the Parliament which witnessed the framing of our Constitution: Prime Minister Narendra Modi during the valedictory function of 2nd National Youth Parliament Festival pic.twitter.com/tFuwh8fFQ8
— ANI (@ANI) January 12, 2021
हर पल प्रेरणा देते हैं विवेकानंद
PM मोदी ने कहा कि आज देश आजाद हो गया, लेकिन समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी स्वामी जी को हमारे बीच ही महसूस करते हैं. वे हर पल प्रेरणा देते हैं. उनका चिंतन हमारी भावना में नजर आता है. राष्ट्र को लेकर उन्होंने जो कहा, जन सेवा से जग सेवा का भाव हमारे मन मंदिर में हैं. मेरा विश्वास है कि आप युवा साथी भी कहीं विवेकानंद की तस्वीर देखते होंगे, तो आपका मन श्रद्धा के भाव से झुकता होगा.
स्वामी जी की प्ररेणा ने आज़ादी की लड़ाई को नई ऊर्जा दी थी। गुलामी के लंबे कालखंड ने भारत को हज़ारों वर्षों की अपनी ताकत और ताकत के एहसास से दूर कर दिया था। स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को उसकी वो ताकत याद दिलाई और एहसास कराया: पीएम मोदी https://t.co/68jflzoZOK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2021
स्वामी ने एक और उपहार दिया है. व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का. हम अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि स्वामी विवेकानंद ने ऐसी संस्थाओं को आगे बढ़ाया जो व्यक्तियों के निर्माण आज भी कर रही हैं.
युवाओं के लिए सरकार की योजनाएं
मोदी ने सरकार की योजनाओं के बारे में बताया कि युवा अपनी प्रतिभा के अनुसार खुद को विकसित कर सकें, ऐसा ईको सिस्टम बनाया जा रहा है. इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है. स्वामीजी का फोकस उस बात पर भी था और वह यह कि वे शारीरिक के साथ मानसिक ताकत पर भी बल देते थे. आज फिट इंडिया मूवमेंट हो, योग हो और स्पोर्ट्स से जुड़े इवेंट. ये युवा साथियों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत कर रहे हैं.
शारदानंद, खुदीराम बोस और भगत सिंह का किया जिक्र
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज हम जितना स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानते हैं, उसमें बहुत बड़ा योगदान स्वामी शारदानंदजी का है. शारदानंदजी ने कहा था कि युवा ही वह नींव हैं जिस पर राष्ट्र का निर्माण होता है. देश पर आत्मनिर्भर बनाने का काम आप युवाओं को ही करना है.
स्वामी जी ही थे जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर बहुत विश्वास करते थे, अब आपको उनके इस विश्वास की कसौटी पर खड़ा उतरना है: पीएम मोदी pic.twitter.com/H2q1Zl2uMU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2021
हालांकि आप में से कुछ अपनी उम्र को लेकर शंका में हो सकते हैं. इस पर पीएम ने कहा कि साथियों जब लक्ष्य स्पष्ट हो तो उम्र मायने नहीं रखती. उन्होंने खुदीराम बोस का जिक्र करते हुए कहा कि जानते हैं शहीद खुदीराम बोस फांसी पर चढ़े तब उनकी उम्र 17-18 साल थी. भगत सिंह फांसी पर चढ़े तब उनकी उम्र कितनी थी? सिर्फ 24 साल. उन्होंने सोच लिया था कि उन्हें देश की आजादी के लिए ही जीना है, देश के लिए ही मरना है.
राजनीति को युवाओं की जरूरत
आपके विकास की ऊंचाइयां और आजादी के सौ साल की उपलब्धियां दोनों कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं. अपना समय देश की सेवा को दीजिए. विवेकानंदजी कहते थे यह सदी युवा पीढ़ी की सदी है. वह कहते थे कि हमारे युवाओं को आगे आकर राष्ट्र का भाग्य विधाता बनना चाहिए. इसलिए आपकी जिम्मेदारी है कि भारत के भविष्य को निर्धारित करें. पॉलिटिक्स देश को आगे ले जाने का सशक्त माध्यम है. युवाओं को इसकी बहुत जरूरत है. पहले यह धारणा बन गई थी अगर युवा राजनीति की तरफ बढ़ता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ गया. लड़ाई, झगड़ा, लूट, फसाद न जाने क्या-क्या लेवल लग गए थे.
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