विश्वभारती यूनिवर्सिटी से PM Modi का बड़ा संदेश, 'समस्या नहीं समाधान की बात करें'

विश्वभारती के दीक्षांत समारोह से पीएम का युवाओं को संबोधित किया और उन्होंने इस मौके पर कहा कि नया फैसला लेने से ना डरें, समस्या नहीं समाधान की बात करें.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 19, 2021, 01:46 PM IST
  • विश्वभारती के मंच से पीएम की अपील
  • 'नये फैसले लेना ही युवाओं की ताकत'
विश्वभारती यूनिवर्सिटी से PM Modi का बड़ा संदेश, 'समस्या नहीं समाधान की बात करें'

नई दिल्ली: किसान आंदोलन में टूलकिट के जरिए साजिश करने वालों को प्रधानमंत्री ने इशारों में जवाब दिया है. प्रधानमंत्री ने आज विश्वभारती यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा कि दुनिया में आतंक और हिंसा फैलाने वाले कई लोग पढ़े लिखे हैं.

'आतंक, हिंसा फैलाने वाले पढ़े लिखे लोग हैं'

PM Modi ने कहा कि 'आप देखिए, जो दुनिया में आतंक फैला रहे हैं, जो दुनिया में हिंसा फैला रहे हैं, उनमें भी कई Highly Learned, Highly Skilled लोग हैं. दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से दुनिया को मुक्ति दिलाने के लिए दिनरात प्रयोगशालाओं में जुटे हुए हैं.'

उन्होंने कहा कि 'गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने जो अद्भुत धरोहर मां भारती को सौंपी हैं, उसका हिस्सा बनना, आप सभी साथियों से जुड़ना, मेरे लिए प्रेरक भी है और आनंददायक भी है.'

पीएम ने बोला, 'इस बार तो कुछ समय के अंतराल पर मुझे दूसरी बार ये मौका मिला है. आपके जीवन के इस महत्वपूर्ण अवसर पर आप सभी युवा साथियों को, माता पिता को और गुरुजनों को मैं बहुत बहुत बधाई और अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'आप सिर्फ एक विश्वविद्यालय का ही हिस्सा नहीं हैं, बल्कि एक जीवंत परंपरा का हिस्सा भी हैं. गुरुदेव अगर विश्व भारती को सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते, तो वो इसे ग्लोबल यूनिवर्सिटी या कोई और नाम दे सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे विश्व भारती विश्वविद्यालय नाम दिया.'

उन्होंने बोला कि 'गुरुदेव टैगोर के लिए विश्व भारती सिर्फ ज्ञान देने वाली एक संस्था मात्र नहीं थी. ये एक प्रयास है भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने का. गुरुदेव कहते थे - हे श्रमिक साथियों, जानकर साथियों, हे समाजसेवियों, हे संतों, समाज के सभी जागरूक साथियों. आइये समाज की मुक्ति के लिए मिलकर प्रयास करें.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'जिस प्रकार सत्ता में रहते हुए संयम और संवेदनशील रहना पड़ता है, रहना जरूरी होता है, उसी प्रकार हर विद्वान को, हर जानकार को भी उनके प्रति जिम्मेदार रहना पड़ता है जिनके पास वो शक्ति है.'

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'आपका ज्ञान सिर्फ आपका नहीं, बल्कि समाज की, देश की हर एक भावी पीढ़ियों की भी वो धरोहर है. आपका ज्ञान अपकी स्किल एक समाज, एक राष्ट्र को गौरवान्वित भी कर सकती है.'

उन्होंने कहा कि 'विश्व भारती तो अपने आप में ज्ञान का वो उन्मुक्त समंदर है, जिसकी नींव ही अनुभव आधारित शिक्षा के लिए रखी गयी थी. ज्ञान की Creativity की कोई सीमा नहीं होती है, इसी सोच के साथ गुरुदेव ने इस महान विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.'

पीएम मोदी ने कहा कि 'सफलता और असफलता हमारा वर्तमान और भविष्य तय नहीं करती. हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए.'

PM ने कहा कि 'गुरुदेव ने विश्वभारती में जो व्यवस्थाएं विकसित कीं, जो पद्धतियां विकसित कीं, वो भारत की शिक्षा व्यवस्था को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करने, उन्हें आधुनिक बनाने का एक माध्यम थीं.'

उन्होंने बताया कि 'हाल ही में सरकार ने देश और दुनिया के लाखों Journals की फ्री एक्सेस अपने Scholars को देने का फैसला किया है. इस साल बजट में भी रिसर्च के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से आने वाले 5 साल में 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा है.'

पीएम ने बोला कि 'भारत की आत्मनिर्भरता, देश की बेटियों के आत्मविश्वास के बिना संभव नहीं है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार Gender Inclusion Fund की भी व्यवस्था की गई है.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'बंगाल ने अतीत में भारत के समृद्ध ज्ञान-विज्ञान को आगे बढ़ाने में देश को नेतृत्व दिया. बंगाल, एक भारत, श्रेष्ठ भारत की प्रेरणा स्थली भी रहा है और कर्मस्थली भी रहा है.'

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'हम इस वर्ष अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. विश्व भारती के प्रत्येक विद्यार्थी की तरफ से देश को सबसे बड़ा उपहार होगा कि भारत की छवि को और निखारने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें.'

PM Modi ने कहा कि 'भारत जो है, जो मानवता, जो आत्मीयता, जो विश्व कल्याण की भावना हमारे रक्त के कण-कण में है, उसका एहसास बाकी देशों को कराने के लिए विश्व भारती को देश की शिक्षा संस्थाओं का नेतृत्व करना चाहिए.'

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उन्होंने कहा कि 'मेरा आग्रह है, अगले 25 वर्षों के लिए विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं. वर्ष 2047 में, जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का समारोह बनाएगा, तब तक विश्व भारती के 25 सबसे बड़े लक्ष्य क्या होंगे, ये इस विजन डॉक्यूमेंट में रखे जा सकते हैं.'

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