नई दिल्लीः Facebook के CEO मार्क जकरबर्ग, अल्फाबेट और गूगल के CEO सुंदर पिचाई और ट्विटर के CEO जैक ड्वार्सी कानूनी पचड़े में पड़ गए हैं. अपने-अपने प्लेटफार्म पर गलत सूचना के प्रसार के मामले में उन्हें अमेरिकी सदन में एक नई सुनवाई का सामना करना पड़ेगा.
कई तरह के झूठ फैलाने का आरोप
जानकारी के मुताबिक, 25 मार्च को होने वाली सुनवाई में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना के संबंध में इनसे पूछताछ होगी. ऊर्जा और वाणिज्य समिति के अध्यक्ष फ्रैंक पैलोन जूनियर ने गुरुवार को घोषणा की कि संचार और प्रौद्योगिकी उपसमिति और उपभोक्ता संरक्षण और वाणिज्य उपसमिति ऑनलाइन संयुक्त सुनवाई करेगी.
पैलोन ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "चाहे वह कोविड-19 वैक्सीन के बारे में झूठ हो या चुनावी धोखाधड़ी के गलत दावे, इन ऑनलाइन प्लेटफार्मों ने गलत सूचना फैलाने दिया, जिससे वास्तविक जीवन के साथ राष्ट्रीय संकट को बढ़ावा मिला. पबिल्क हेल्थ और सुरक्षा के लिए यह परेशानी का सबब बना.
6 जनवरी के बाद पहली सुनवाई
पैलोन ने कहा, "इस सुनवाई में बढ़ती गलत सूचनाओं को लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्मो को जवाबदेह ठहराने के संबंध में यह सुनवाई समिति का काम जारी रखेगी. ड्वार्सी और जकरबर्ग पूर्व में अमेरिकी कांग्रेस के सामने नवंबर में सीनेट जूडिशियरी की मॉडरेशन और गलत सूचना संबंधी सुनवाई के लिए पेश हुए थे.
6 जनवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा और हमले के मद्देनजर कंपनियों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बाद टेक दिग्गजों की यह पहली सुनवाई होगी.
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साल 2020 में भी हुए थे पेश
जुलाई 2020 में भी गूगल, फेसबुक अमेरिकी सांसदो के सामने पेश हो चुके हैं. उस दौरान इनके साथ अमेजन और एपल के चीफ एग्जीक्यूटिव भी थे. इन सभी को अविश्वास के मुद्दे पर अमेरिकी संसद में डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन सांसदों के सवालों का सामना करना पड़ा था.
इन पर आरोप है था कि इन कंपनियों ने अपने कारोबारी तरीकों से प्रतिद्वंद्वी और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाया है. ये भी आरोप था कि अपनी ताकत के दम पर ये अपने कॉम्पिटिटर को दबा रहे हैं.
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