नई दिल्ली: देश की राजधानी में सांस लेने के लिए शुद्ध हवा का अकाल पड़ गया है. दिल्ली अब रहने लायक नहीं रही, दिल्ली आपके हमारे सभी के बच्चों की सांसें छीन रही है. दिल्ली की हवा में ज़हर घुल चुका है. हालत ये हो गई है कि दिल्ली और आसपास प्रदूषण इस हद तक फैल चुका है कि साल में शायद दस-बीस दिन ही हवा सांस लेने लायक होती है. प्रदूषण, धुंध और स्मॉग की चादर ने पूरे शहर को ढक दिया है.
हर कोई कह रहा 'बचाओ'
गैस चैंबर में तब्दील हो चुके दिल्ली एनसीआर के लिए राहत की कोई किरण नजर नहीं आ रही. पंजाब से आने वाला पराली का धुआं, हवा की सुस्ता रफ्तार और तापमान में गिरावट की वजह से ज़हरीली गैस की चादर में लिपटे दिल्ली एनसीआर में हर शख्स रोज़ाना 20 सिगरेट से ज्यादा का धुआं सांसों के साथ ले रहा है.
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर है. जिसकी वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण इमरजेंसी की स्थिति में पहुंच गया है. बीमार और बुज़ुर्गों के लिए ही नहीं सेहतमंद लोगों के लिए भी सांस लेना मुश्किल हो रहा है.
Delhi: Major pollutants PM 2.5 & PM 10, both at 500 (severe category), in Lodhi Road area, according to the Air Quality Index (AQI) data. pic.twitter.com/zdX7gNar61
— ANI (@ANI) November 14, 2019
अदालत ने लिया स्वतः संज्ञान
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जनवरी 2018 से दिसंबर 2018 के बीच दिल्ली में कितने पेड़ लगाए गए. फॉरेस्ट कवर बढ़ाने के लिए क्या योजना है. दिल्ली में लगातार हो रहे निर्माण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए और रोड पर छिड़काव के लिए क्या व्यवस्था की गई.
हाईकोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि सरकार प्रदूषण से गंभीरता से निपटने के लिए इच्छाशक्ति नहीं रखती है. उधर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और ऑड-ईवन योजना पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में ऑड-ईवन योजना के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. दिल्ली में 4 नवंबर से शरू हुआ ऑड-ईवन नियम आज खत्म हो रहा है. इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ेगी तो ऑड-इवन को आगे बढ़ाया जा सकता है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए अगर ज़रूरत पड़ी तो ऑड इवन आगे भी बढ़ाया जा सकता है. आपको बता दें, WHO के मुताबिक दिल्ली की हवा दुनिया के 1600 शहरों की हवा के मुकाबले सबसे ज्यादा जहरीली है. दिल्ली में रहने वाले 44 प्रतिशत यानी करीब 22 लाख बच्चों के फेफड़े प्रदूषित हवा की वजह से प्रभावित हो चुके हैं. जबकि देशभर में प्रदूषित हवा की वजह से 15 लाख लोग हर साल अपनी जान गंवा रहे हैं.
गरमायी सियासत
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर राजनीति भी तेज है. भाजपा नेता विजय गोयल ने प्रदूषण के खिलाफ सड़क पर विरोध मार्च किया और आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को काला कर दिया. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के साथ ही फेफड़े के मरीज़ों की संख्या बढ़ने के साथ साथ हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ रहे हैं.
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डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ मनोज कुमार ने बताया कि 'एयर पोल्यूशन के दिनों में हमने देखा है कि हार्ट अटैक और अनस्टेबल एनजाइना के केस बढ़ जाते हैं. जैसे ही प्रदूषण बढ़ता है आप देखेंगे कि इमरजेंसी में एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम के मरीज ज्यादा आने लगते हैं.
ट्रेड फेयर पर प्रदूषण की मार
इस बीच 14 नवंबर से शुरू हुए ट्रेड फेयर पर भी प्रदूषण की मार पड़ रही है. ट्रेड फेयर आयोजकों को प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौती लग रही है. यही वजह है कि इस बार आयोजको ने प्रदूषण से निपटने के कई कदम उठाए हैं. ज़हरीली हवा से निपटने के लिए जहां आयोजको ने तमाम स्टाल और हॉल में एयर प्यूरीफायर लगाए हैं तो वहीं हॉल के बाहर और भीतर ऑक्सीजन देने वाले पौधे बड़ी संख्या में रखे गए हैं.
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के साथ ही कुछ लोगों ने इसे कमाई का धंधा भी बना लिया. दिल्ली में ऑक्सीजन बार खोले जा रहे हैं जहां आकर शुद्ध साफ हवा में सांस ली जा सकती है. दिल्लीवाले शुद्ध ऑक्सीजन ले सकें इसके लिए यहां इंतज़ाम किया गया है. ऑक्सीजन भी सात फ्लेवर में दी जा रही है जिसके अलग अलग चार्जेस हैं.
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उधर लोगों को प्रदूषण के खिलाफ जागरुक करने के लिए एक शख्स सांसों की भीख मांग रहा है. नोएडा में संजय प्रभाकर नाम के कलाकार फकीरों के अंदाज़ में कटोरा लेकर लोगों से सांसों की भीख मांग रहे हैं. इनका भीख मांगने का अंदाज भी अनोखा है. ये अपने लिखे दोहों के ज़रिए लोगों को जागरुक कर रहे हैं.
माना जा रहा है कि अगले दो दिनों के दौरान तेज हवाएं चलने के बाद दिल्ली के प्रदूषण में कमी आ सकती है.