नई दिल्लीः ओडिशा में आलू के दाम आसमान छू रहे हैं और सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गुहार लगा रहे हैं. होड़ मची हुई है कि कौन ममता बनर्जी को पहले मनाएगा और राज्य में लोगों को आलू की कीमतों से राहत दिलाने का श्रेय लेगा. इसे पॉटैटो पॉलिटिक्स भी कहा जा रहा है. जानिए क्या है पूरा मामलाः
ओडिशा में बढ़ रही हैं आलू की कीमतें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में पुलिस और प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आलू व्यापारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से आलू की सप्लाई पर असर पड़ा है. इस कारण पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतें बढ़ने लगी हैं. कीमतों को काबू करने के लिए राज्य सरकार ने आलू की सप्लाई रोक दी है. नतीजा यह हुआ कि आलू के लिए पश्चिम बंगाल पर निर्भर रहने वाले ओडिशा में इसकी आपूर्ति कम हो गई है और कीमतें बढ़ने लगी है.
आलू की ज्यादा खपत वाले राज्य ओडिशा में कीमतें बढ़ने से लोग परेशान हैं. राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि आलू 32 रुपये किलो से ज्यादा में न बेचा जाए लेकिन फुटकर बाजार में आलू 50 से 55 रुपये किलो में बिक रहा है.
बीजेपी-बीजेडी ने लगाई ममता से गुहार
वहीं आलू की सप्लाई के लिए ओडिशा में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष में बैठी बीजेडी ममता बनर्जी से गुहार लगा रही हैं. विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर आलू की पर्याप्त सप्लाई की मांग की. वहीं अगले ही दिन ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने दिल्ली में ममता बनर्जी से मुलाकात की और उनसे इस मामले में ध्यान देने को कहा था.
रिपोर्ट्स की मानें तो ओडिशा के खाद्य आपूर्ति मंत्री चंद्रा पात्रा के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के अधिकारियों ने कहा है कि हड़ताल की वजह से सप्लाई पर असर पड़ा है. एक-दो दिनों में हालात के सामान्य होने का अनुमान है.
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