कारगिल युद्ध में शामिल होने वाली इकलौती महिला ने कोरोना काल में जो किया वो आपको जरूर जानना चाहिए

मौजूदा वक्त में मेजर प्राची आईएमए नई दिल्ली ब्रांच की वाइस प्रेसीडेंट हैं. इसके अलावा आईएमए के एथिक्स एवं ग्रीवान्स सेल की नेशनल कनवीनर भी हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 4, 2021, 02:06 PM IST
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कारगिल युद्ध में शामिल होने वाली इकलौती महिला ने कोरोना काल में जो किया वो आपको जरूर जानना चाहिए

नई दिल्लीः गाजियाबाद निवासी मेजर डॉ. प्राची गर्ग को कारगिल युद्ध के दौरान सेवा देने वाली एक मात्र महिला मेडिकल अफसर होने का गौरव प्राप्त है. हाल ही में उन्होंने लो कॉस्ट ओपीडी ट्रीटमेंट की शुरूआत की है. वह हर रविवार अपने ही घर में ही हेल्थ केयर वर्कर्स का इलाज करती हैं.पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल के क्लिनिक एसोसियेट और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया की मेडिकल डायरेक्टर रह चुकी डॉ गर्ग ने इससे पहले उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ के.के. अग्रवाल के साथ ही सैंकड़ो संक्रमित मरीजों का इलाज भी किया था.

खुद भी हुईं कोरोना का शिकार
हालांकि वह खुद कोरोना की चपेट में आई, लेकिन उन्होंने टेलीमेडिसिन के माध्यम से संक्रमितों का इलाज किया. अब उन्होंने एक नई पहल की शुरूआत करते हुए अपने घर में ही कम सैलरी पाने वाले मेडिकल स्टाफ (मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले, पैथोलॉजी लैब में काम करने वाले, पैरामेडिकल स्टाफ आदि) लोगों के लिए क्लीनिक की शुरूआत की है.

घर में ही लोगों का इलाज
घर में हर रविवार ओपीडी चला रही डॉ गर्ग इसके लिए एक 100 रुपए शुल्क भी लेती हैं. हालांकि यह शुल्क निजी अस्पताल के मुकाबले बेहद कम है.यदि उनके अतीत की बात करें तो मेजर गर्ग 8 माउंटेन डिविजन से कारगिल लड़ाई के दौरान सक्रिय रहने वाली एकमात्र महिला सैन्य अधिकारी रह चुकी हैं.

मेजर डॉ प्राची गर्ग ने आईएएनएस को बताया, बीते 15 दिन पहले मैंने ये ओपीडी शुरू की है. इसमें वो हेल्थ वर्कर्स आ सकेंगे जिनकी तनख्वाह कम होती या या जिनकी आर्थिक हालात ऐसे नहीं होते की वे बड़े अस्पतालों में जाकर इलाज करा सकें. पिछले रविवार को 15 मरीज आए थे, धीरे धीरे अन्य लोगों को पता लगेगा तो वह भी आना शुरू करेंगे.उन्होंने कहा, इसके अलावा मैंने गाजियाबाद की 2 लैब में बात की है, जो इन मरीजों की जांच में 50 फीसदी तक डिस्काउंट देंगे. साथ ही छोटे अस्पतालों में भी बात कर रहीं हूं ताकि कोई ऐसा मरीज हो जिसे अस्पताल की जरूरत पड़े तो वो इन अस्पतालों में जाकर इलाज करा सकें.

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डॉ गर्ग से इलाज करा चुकीं गाजियाबाद निवासी गुंजन गुप्ता ने कोविड के समय से ही संपर्क में हैं. उन्होंने आईएएनएस को बताया, कोविड के दौरान मई के महीने में संक्रमण हुआ, उस वक्त हम बहुत डर गए थे अस्पतालों में जगह नहीं थी. मेरे माता पिता बुजुर्ग है और मेरा भाई अकेला ही कमाने वाला है. उस वक्त डॉ प्राची से बात हुई थी. उन्होंने फोन पर ही हमारे भाई के इलाज के लिए मदद की वहीं हाल ही में मेरी तबियत बिगड़ी तो मैं इनके घर गई थी. बहुत अच्छी डॉक्टर है और अच्छी इंसान भी हैं. इनके द्वारा लिया जाने वाला शुल्क भी बेहद कम है इतना तो आने जाने में किराए में ही लग जाता है.

मौजूदा वक्त में मेजर प्राची आईएमए नई दिल्ली ब्रांच की वाइस प्रेसीडेंट हैं. इसके अलावा आईएमए के एथिक्स एवं ग्रीवान्स सेल की नेशनल कनवीनर भी हैं.उनके काम और जज्बे को देखते हुए उन्हें कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. जिसमें आईएमए के डॉ ए पी शुक्ला मेमोरियल नेशनल अवार्ड, प्रेरणा नारी शक्ति सम्मान, आपरेशन विजय स्टार, कोरोना वारियर अवार्ड, लक्ष्मी हरिभाऊ वाकणकर जैसे दर्जनों अवार्ड शामिल है.

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