राष्ट्रपति ने किया आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास, जानिये संबोधन दौरान क्यों किया इंद्रदेव का जिक्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में राष्ट्रपति ने आयुष विश्वविद्यालय की नींव रखी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 28, 2021, 11:47 PM IST
  • राष्ट्रपति ने किया आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास
  • संबोधन में केंद्र और प्रदेश सरकार को सराहा
राष्ट्रपति ने किया आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास, जानिये संबोधन दौरान क्यों किया इंद्रदेव का जिक्र

गोरखपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने उत्तरप्रदेश दौरे पर गोरखपुर को ऐतिहासिक सौगात दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में राष्ट्रपति ने आयुष विश्वविद्यालय की नींव रखी. अपने सम्बोधन के दौरान रामनाथ कोविंद ने इंद्रदेव का जिक्र किया जिसकी खूब चर्चा हो रही है.

बारिश होने के कारण राष्ट्रपति को आई इंद्रदेव की याद

शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान अचानक बारिश शुरू हो गई तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही इसका स्वागत कुछ अलग ढंग से किया.  

उन्होंने कहा कि भगवान इन्द्रदेव भी अपना आशीर्वाद देने हम सबके बीच में आ गए हैं। भारतीय शास्त्रों में एक मान्यता है कि कोई शुभ कार्य यदि सम्पन्न हो रहा हो, उस दौरान यदि आकाश से पानी की बूंदें गिरने लगे तो उसे कहा जाता है कि यह शुभ से अद्यतम शुभम हो गया है. यह सहयोग है.

राष्ट्रपति ने किया आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास

राष्ट्रपति बनने के बाद दूसरी बार गोरखपुर आए रामनाथ कोविंद ने शनिवार को भटहट के पिपरी में स्थित प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी.

राष्ट्रपति सुबह सेना के वायुयान से गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से वायुसेना के हेलीकॉप्टर से भटहट के पिपरी पहुंचे. शिलान्यास समारोह में देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे.

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योगी सरकार को सराहा

राष्ट्रपति ने कहा कि गुरुओं की महिमा बताने वाले गुरु गोरखनाथ ने कहा था कि सुख स्वर्ग है और दु:ख नरक. शरीर निरोग रहे इस ध्येय को सफल बनाने के लिए यूनिवर्सिटी की स्थापना हो रही है. शरीर को स्वास्थ रखने के लिए विभिन्न चिकित्सा पद्धतियां हैं. केंद्र और प्रदेश सरकार ने अलग आयुष मंत्रालय का गठन किया है.  इससे सत्र और स्तर दोनों बढ़ेंगे और शोध संस्थान की भी स्थापना होगी.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इस विश्वविद्यालय का नाम गुरु गोरखनाथ के नाम पर रखना सार्थक है. गोस्वामी तुलसीदास ने भी गोरख की प्रतिष्ठा की है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति भवन में आरोग्य वन को स्थापित किया जा रहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा दिया और स्वीकार्यता दी.

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