नई दिल्लीः Sela Tunnel Specialty: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 9 मार्च को यानी आज अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने सेला सुरंग समेत 55,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया है. इसके अलावा कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी है. सेला सुरंग को सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस सुरंग की मदद से चीन से सटे तवांग इलाके से भारत की कनेक्टिविटी अब हर मौसम में बनी रहेगी.
सेला सुरंग को बनाने में आई है 825 करोड़ की लागत
लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनी इस सेला सुरंग के निर्माण कार्य में कुल 825 करोड़ रुपये की लागत आई है. यह अब हर मौसम में अरुणाचल प्रदेश के तवांग को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. तवांग की सड़क बर्फबारी, भारी वर्षा और भूस्खलन की वजह से साल में लंबे समय तक बंद रहती है. लेकिन अब सेला सुरंग के बन जाने से असम के गुवाहाटी और तवांग के बीच साल भर का संपर्क बना रहेगा.
2019 में रखी गई थी सेला सुरंग परियोजना की नींव
सेला सुरंग परियोजना की नींव फरवरी 2019 में रखी गई थी. इस परियोजना में दो सुरंगें शामिल हैं. पहली सुरंग सिंगल ट्यूब टनल है, जिसकी लंबाई 980 मीटर है. दूसरी 1555 मीटर लंबी ट्विन ट्यूब टनल है. 13,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित यह सबसे लंबी सुरंगों में से एक होगी. रिपोर्ट्स की मानें, तो आपातकालीन स्थिति से गुजरने के लिए इसमें एस्केप ट्यूब भी है.
तेजपुर से तवांग तक की यात्रा में आएगी एक घंटे की कमी
इस टनल के बनने से तेजपुर से तवांग तक की यात्रा में एक घंटे की कमी आएगी. साथ ही अब हर मौसम में तवांग से कनेक्टिविटी बनी रहेगी. फिलहाल सर्दी और बर्फबारी की वजह से सेला पास महीनों तक बंद रहता है. इससे कुछ महीने के कनेक्टिविटी कट जाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस टनल के निर्माण से तवांग और उसके आगे के इलाकों में हथियारों और सैनिकों की तेजी से तैनाती की जा सकेगी.
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